हमीरपुर: जिले में भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी, आपदा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न प्रबंधों एवं संसाधनों के वास्तविक आकलन के लिए बुधवार को मॉक ड्रिल आयोजित की गयी. जिला मुख्यालय हमीरपुर के तीन सरकारी संस्थानों में मॉक ड्रिल आयोजित (Mock drill organized in Hamirpur) की गयी. एनडीआरएफ, जिला पुलिस होमगार्ड जवानों और विभिन्न विभागों के समन्वय से मॉक ड्रिल आयोजित की गयी.
मॉक ड्रिल के लिए निर्धारित किए गए परिदृश्य के अनुसार, 'सुबह करीब 10:45 बजे डीडीएमए के जिला आपातकालीन संचालन केंद्र में सूचना मिली कि भूकंप के कारण ब्वायज स्कूल, तहसील कार्यालय, आईटीआई और बीडीओ कार्यालय के भवन ध्वस्त हुए हैं और इनमें से दो भवनों में आग भी लगी है.' इसके तुरंत बाद सायरन बजते ही आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी, होमगार्ड और एनडीआरएफ की बचाव टीमें मशीनरी एवं अन्य आवश्यक उपकरणों सहित मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू कर दिया.
भूकंप को लेकर हमीरपुर में मॉक ड्रिल इस दौरान उपायुक्त एवं डीडीएमए की अध्यक्ष देबश्वेता बनिक ने उपायुक्त कार्यालय परिसर के वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कक्ष में स्थापित कंट्रोल रूम से रेस्क्यू ऑपरेशन का संचालन किया. कंट्रोल रूम में उनके साथ आपदा प्रबंधन से जुड़े मुख्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे. परिदृश्य के अनुसार ध्वस्त भवनों के मलबे में फंसे विद्यार्थियों और अन्य लोगों को होमगार्ड और एनडीआरएफ की बचाव टीमों ने सुरक्षित बाहर निकाला और गंभीर रूप से घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल रवाना किया.
भूकंप को लेकर हमीरपुर में मॉक ड्रिल बचाव कार्यों के बेहतर संचालन के लिए ब्वायज स्कूल के मैदान में स्टेजिंग एरिया स्थापित किया गया. स्टेजिंग एरिया से ही सभी संसाधनों एवं टीमों को चारों घटनास्थलों के लिए भेजा गया. उपायुक्त ने कहा कि किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव कार्यों को सुनियोजित एवं प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए मॉक ड्रिल्स काफी मददगार साबित होती हैं. इनके माध्यम से विभागों को उनके पास उपलब्ध संसाधनों की वास्तविक स्थिति का पता चलता है और इनमें रही कमियों का आकलन कर इन्हें और अधिक बेहतर बनाने का मार्ग प्रशस्त होता है.
भूकंप को लेकर हमीरपुर में मॉक ड्रिल उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे मॉक ड्रिल की संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार करके डीडीएमए को तुरंत भेजें. जिला आपदा प्रबंधन योजना को बेहतर एवं प्रभावी बनाने में ये रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि जिला में आपदा प्रबंधन तंत्र को प्रभावी बनाने के लिए भविष्य में भी मॉक ड्रिल्स आयोजित की जाएगी.