सुजानपुर: बीजेपी सरकार के दौरान सैकड़ों निजी कॉलेजों में अयोग्य प्रिंसिपल तैनात करने का खुलासा हुआ है. ये बात विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार निजी शिक्षा को भ्रष्टाचार का कारोबार बना चुकी है.
बीजेपी सरकार के दौरान सैकड़ों निजी कॉलेजों में अयोग्य प्रिंसिपल तैनात करने का खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट एजुकेशन रेगुलेटरी कमीशन की रिपोर्ट बता रही है कि प्रदेश में कार्यरत सैकड़ों कॉलेजों के प्रिंसिपलों की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई है.
प्रिंसिपल की शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहे निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल की ही अपनी शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं है, तो ऐसे में निजी शिक्षा के नाम पर प्रदेश में अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने वाले इन कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर क्या होगा यह प्रिंसिपलों की योग्यता से ही तय हो जाता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहे निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों का सर्विस प्रोफाइल ही शक और संदेह के घेरे में है. अनेक प्रिंसिपल तो अपनी शैक्षणिक योग्यता ही पूरी नहीं करते हैं.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्राइवेट एजुकेशन रेगुलेटरी कमीशन को भेजी गई रपट में कई प्रिंसिपलों की नियुक्ति को लेकर दिया गया ब्यौरा ही आधा-अधूरा है.100 से ज्यादा निजी कॉलेजों ने अभी तक रेगुलेटरी कमीशन के पास अपना रिकॉर्ड भेजा है. जिनमें से 75 कॉलेजों के रिकॉर्ड की जांच हो चुकी है. इन 75 कॉलेजों में आधे से ज्यादा प्रिंसिपल अयोग्य पाए गए हैं.
15 सालों तक पढ़ाने का अनुभव जरूरी