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एक ही पंचायत में 5 से अधिक लोकमित्र केंद्र खोल रही सरकार, कमाई मनरेगा की दिहाड़ी से भी कम - लोकमित्र केंद्र संचालक यूनियन हमीरपुर

लोकमित्र केंद्र संचालक यूनियन हमीरपुर ने (Lok Mitra Kendra Operator Union Hamirpur) डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा. लोकमित्र केंद्र संचालक का कहना है कि सरकार द्वारा एक पंचायत में 5-5 लोकमित्र केंद्र खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक लोकमित्र केंद्र संचालक का पंचायत में कमाई की दृष्टि से गुजारा नहीं हो पा रहा है, ऐसे में यह पांच-पांच लोकमित्र केंद्र खुल जाने के बाद क्या कमाई होगी.

Lok Mitra Kendra Operator Union Hamirpur
लोकमित्र केंद्र संचालक यूनियन हमीरपुर

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Published : Feb 28, 2022, 9:37 PM IST

हमीरपुर:लोकमित्र केंद्र संचालक यूनियन हमीरपुर के पदाधिकारियों और सदस्यों ने डीसी हमीरपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा है. इस सिलसिले में लोकमित्र केंद्र संचालक (Lok Mitra Kendra Operator Union Hamirpur) सोमवार को डीसी कार्यालय हमीरपुर पहुंचे. लोकमित्र केंद्र संचालकों का कहना है कि वर्ष 2008 में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत में लोकमित्र केंद्रों की स्थापना सरकारी व गैर सरकारी प्रकार की सुविधाएं देने के लिए की गई थी. इसे लोकमित्र केंद्र संचालकों ने 13 सालों से बूखबी निभाया है.

हिमाचल प्रदेश सरकार के इस फैसले से आज क्षेत्र के हर ग्रामीण को सभी सरकारी व गैर सरकारी सुविधाएं एक छत के नीचे मिल रही हैं. इस समय के दौरान जिस भी नई सीएससी आईडी का वितरण हुआ वे नियमों के विरूद्ध किया गया है. एक सीएससी (लोकमित्र) केंद्र से दूसरी सीएससी केंद्र के बीच कितना फासला होना चाहिए यह ध्यान में नहीं रखा गया है. वहीं, नए केंद्र ओपन करने से पहले उनका फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया.

जब सीएससी के जिला प्रबंधक से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि ये सब आईडी जिला उपायुक्त के द्वारा सत्यापित की गई है. उन्होंने उपायुक्त से आग्रह किया है अपने स्तर पर इसकी जांच करवाएं क्योंकि एक केंद्र से दूसरे केंद्र की उचित दूरी होना अनिवार्य है. इससे वीएलई साथी को किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी. लोकमित्र केंद्र संचालक यूनियन हमीरपुर के महासचिव शशि पाल ने बताया कि प्रदेश में लोकमित्र केंद्र संचालक का कमाई के लिहाज से दिन में दिहाड़ी भी नहीं निकाल पा रही है.

सरकार द्वारा एक पंचायत में 5-5 लोकमित्र केंद्र खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक लोकमित्र केंद्र संचालक का पंचायत में कमाई की दृष्टि से गुजारा नहीं हो पा रहा है, ऐसे में यह पांच-पांच लोकमित्र केंद्र खुल जाने के बाद क्या कमाई होगी. हालात ऐसे हैं कि मनरेगा की दिहाड़ी भी अधिक है और लोकमित्र केंद्र संचालकों की कमाई कम.

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