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हिमाचल में PG और टिफिन सर्विस संचालकों का विभागीय पंजीकरण अनिवार्य, लाइसेंस न होने पर लगेगा 5 लाख जुर्माना - हिमाचल में पीजी और टिफिन सर्विस

हिमाचल प्रदेश में अब पीजी और टिफिन सर्विस के लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट (Food Safety Standards Act) के तहत लाइसेंस बनाना अनिवार्य कर दिया गया (License required for PG and Tiffin service in Himachal) है. वहीं अगर कोई पीजी संचालक और टिफिन सर्विस वाला खुद को पंजीकृत नहीं करवाता तो उसे पांच लाख जुर्माने और छह माह की सजा का प्रावधान हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

License required for PG and Tiffin service in Himachal
हिमाचल में PG और टिफिन सर्विस संचालकों का विभागीय पंजीकरण अनिवार्य.

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Published : Jul 28, 2022, 2:10 PM IST

हमीरपुर:हिमाचल में पीजी और टिफिन सर्विस के लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट (Food Safety Standards Act) के तहत लाइसेंस जरूरी (License required for PG and Tiffin service in Himachal) होगा. दरअसल प्रदेशभर में बिना लाइसेंस और विभागीय पंजीकरण के कई पीजी और टिफिन सर्विस चल रही है. स्टूडेंट्स के साथ नौकरीपेशा लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अब विभाग सभी पीजी और टिफिन सर्विस वालों का पंजीकरण सुनिश्चित करेगा ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ न हो.

पीजी और टिफिन सर्विस का पंजीकरण अनिवार्य:पीजी और टिफिन सर्विस में बढ़िया गुणवत्ता का खाना लोगों को मिल सके इसके लिए यह प्रयास हिमाचल खाद्य सुरक्षा विभाग (Himachal Food Safety Department) की तरफ से किए जा रहे हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदेशभर में बिना खाद्य सुरक्षा विभाग के लाइसेंस के चल रहे पीजी संचालकों और टिफिन सर्विस वालों का पंजीकरण अनिवार्य होगा. हिमाचल के एजुकेशन हब कहे जाने वाले हमीरपुर जिले में यह कार्य शुरू भी कर दिया गया है.

हिमाचल में PG और टिफिन सर्विस संचालकों का विभागीय पंजीकरण अनिवार्य.

इन शहरों में किया जा रहा है फोकस:जिला हमीरपुर में पीजी संचालकों और टिफिन सर्विस वालों की जानकारी खाद्य सुरक्षा विभाग एकत्र करने में जुटा है. प्रदेशभर में विभाग इस कार्य को कर रहा है, हालांकि अभी तक विभाग के पास यह आंकड़ा स्पष्ट नहीं कि इन पीजी और टिफिन सर्विस वालों की संख्या कितनी (Tiffin service in Himachal ) है. पीजी, टिफिन सर्विस के साथ ही सरकारी विश्राम गृहों का पंजीकरण जरूरी है. हिमाचल खाद्य सुरक्षा विभाग राज्य के बड़े शहरों शिमला, धर्मशाला के साथ एजुकेशन हब कहे जाने वाले जिलों हमीरपुर और सोलन पर अधिक फोकस कर रहा है.

बिना लाइसेंस के हो रहा कार्य: इन शहरों में अधिक संख्या में पीजी संचालकों और टिफिन सर्विस वालों का कारोबार है. इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र बद्दी नालागढ़ में विभाग इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने के प्रयास में जुटा है. विभाग के पास अभी स्पष्ट आंकड़े नहीं है, लेकिन विभागीय अनुमान है कि प्रदेश में जिले और उपमंडल स्तर पर सैंकड़ों पीजी संचालक और टिफिन सर्विस वाले खाद्य सुरक्षा विभाग के लाइसेंस के बिना कार्य कर रहे हैं.

हमीरपुर में सिर्फ 10 पीजी पंजीकृत:एजुकेशन हब हमीरपुर में महज 10 पीजी फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत पंजीकृत है, जोकि लाइसेंस के साथ कार्य कर रहे हैं. जिला हमीरपुर में दर्जनों पीजी और टिफिन सर्विस वाले बिना लाईसेंस के इस कार्य कर रहे हैं. फूड सेफ्टी एक्ट को कड़ाई से लागू करने के लिए जिला प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं और बिना लाइसेंस के कार्य कर रहे पीजी और टिफिन सर्विस वालों की गिनती की जा रही है. जिला प्रशासन के अधिकारी इस कार्य पर विशेष नजर बनाए हुए हैं ताकि एक्ट की पालना सुनिश्चित हो सके.

नियमों की अवहेलना करने पर होगी सख्त कार्रवाई:एडीएम हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने कहा कि प्रशासन द्वारा फूड सेफ्टी एक्ट को कड़ाई से लागू करने के लिए सभी पीजी संचालकों और टिफिन सर्विस वालों का खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत पंजीकरण करने के लिए विशेष अभियान चलाया (ADM Hamirpur on food safety standards act) जाएगा. नियमों की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर इस कार्य को किया जा रहा है.

5 लाख जुर्माने और 6 माह की सजा का प्रावधान:खाद्य सुरक्षा विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अनिल शर्मा ने कहा कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत पीजी संचालकों, टिफिन सर्विस वालों और सरकारी विश्राम गृहों का पंजीकरण जरूरी है. हमीरपुर जिले में कितने पीजी और टिफिन सर्विस वाले बिना लाइसेंस के कार्य कर रहे हैं. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने कहा कि 12 लाख से अधिक टर्नओवर वाले पीजी संचालक अगर बिना लाइसेंस के कार्य करते पाए जाते हैं, तो पांच लाख जुर्माने और छह माह की सजा का प्रावधान है. 12 लाख से कम टर्नओवर वाले छोटे पीजी यदि बिना लाइसेंस के कार्य करते हैं, तो दो लाख तक अधिकतम जुर्माने का प्रावधान है.

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