हमीरपुर:जिला के रंगस क्षेत्र के न्याटी गांव में नींद (house collapsed in nadaun) में ही मलबे में दो जिंदगियां दफन हो गयी. कच्चे मकान के जमींदोज होने से मां बेटे की मौत के मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने दिल को दहलाने वाले खुलासे किए हैं. मकान के जमींदोज होने से पहले बड़ा धमाका हुआ था. जब प्रत्यक्षदर्शी मौके पर पहुंचे तो घायल वीरेंद्र मदद के लिए कराह रहे थे.
मामले में प्रशासन ने 20 हजार की आर्थिक मदद परिवार को जारी की है. एडीएम हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने यह जानकारी दी है. हादसे में घायल वीरेंद्र कुमार ज्वालामुखी में एक सरकारी स्कूल में कंप्यूटर टीचर हैं. मृतक पत्नी और बेटे का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप (House Collapsed In Hamirpur) दिया गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि परिवार की हर संभव मदद की जाएगी और मामले में मृतकों के परिजनों को नियमानुसार ₹400000 का मुआवजा भी दिया जाएगा.
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने दिल को दहला देने वाली घटना की जानकारी दी है. मीडिया कर्मी से रूबरू होते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि जब मलबे में दबे मां बेटे और पिता को निकाला गया तो उनकी सबकी सांसे चल रही थी लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त मां और बेटे ने दम तोड़ दिया. प्राथमिक उपचार के बाद घायल वीरेंद्र की हालत स्थिर है लेकिन बेटे और पत्नी की मौत के चलते वह भी सदमे में है.