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Himachal Seat Scan हॉट सीट सुजानपुर में धूमल के नाम रहे हैं रिकॉर्ड, राणा ने किया था बड़ा सियासी उलटफेर, जानें चुनावी समीकरण

Sujanpur Assembly Seat Ground Report, हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 का रण अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंचने लगा है. राजनीतिक दलों को अब बस चुनावी तारीखों का ऐलान है. ऐसे में चुनावी बेला में हिमाचल सीट स्कैन के माध्यम से ETV भारत आपको प्रदेश के हर-एक विधानसभा के चनावी समीकरणों से रूबरू करा है. आज हम सुजानपुर विधानसभा सीट की बात करेंगे. वैसे तो सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में सूबे के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के नाम कई रिकॉर्ड रहे हैं. साल 2017 में राजेंद्र राणा ने बड़ा सियासी उलटफेर करते हुए धूमल को पटखनी दी थी. लेकिन इस साल चुनाव की दृष्टि से सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. तो आइये जानते हैं यहां की जनता का मूड आखिर क्या है...

Sujanpur assembly seat ground report
सुजानपुर विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Aug 22, 2022, 5:32 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (himachal assembly elections 2022) से पहले ETV भारत प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों के सूरत-ए-हाल से रू-बरू कराने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में हिमाचल सीट स्कैन (Himachal Seat Scan) सीरीज में आज हम बात करने जा रहे हैं सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र (Sujanpur assembly seat ground report) की...

साल 2017 में प्रदेश में राजनीति की दशा और दिशा बदलने वाली सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र (Sujanpur Assembly Constituency) का इतिहास बेहद ही रोचक रहा है. पिछले चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के घोषित चेहरे प्रेम कुमार धूमल (Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal) को हरा कर कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने यहां पर बड़ा उलटफेर किया था. साल 2012 में विधानसभा क्षेत्रों के डिलिमिटेशन में बमसन, हमीरपुर और भोरंज के विस क्षेत्रों के हिस्सों से नया विस क्षेत्र गठित हुआ जिसे सुजानपुर नाम दिया गया. बमसन को 2012 से सुजानपुर विस क्षेत्र के नाम से जाना जाने लगा. 1998 से 2007 तक धूमल ने बमसन विस क्षेत्र में लगातार तीन दफा जीत हासिल की थी. 2012 में उन्हें हमीरपुर सीट से लड़ाया गया. 2017 में जब वह बमसन से सुजानपुर बने क्षेत्र में फिर चुनाव लड़ने के उतरे तो अपने ही राजनीतिक शिष्य राजेंद्र राणा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

सुजानपुर विधानसभा सीट पर चुनावी जंग.

प्रेम कुमार धूमल के नाम हैं कई रिकॉर्ड: सुजानपुर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक दफा और अधिक मतों के अंतर के साथ चुनाव जीतने का रिकॉर्ड धूमल के नाम ही है. यहां पर 2007 में उन्होंने 26007 के रिकार्ड मतातंर से जीत हासिल की थी वहीं दस साल बाद 2017 में उन्हें 1919 मतों से हार का सामना करना पड़ा है. इस सीट पर भाजपा के गठन के साल 1982 में जीत का परचम लहरा दिया गया था. वर्तमान में कांग्रेस नेता राजेंद्र राणा यहां पर विधायक हैं. कांग्रेस का चेहरा आगामी चुनावों के लिए यहां पर राजेंद्र राणा के रूप में लगभग तय है, जबकि भाजपा यहां पर अभी तक असमंजस में है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल कई दफा चुनाव लड़ने की यहां पर इच्छा जता चुके हैं, लेकिन भाजपा हाईकमान ने यहां पर अपना रूख स्पष्ट नहीं किया है. भाजपा के पास यहां पर धूमल के अलावा कोई जाना पहचाना चेहरा नहीं है जिसे राणा के खिलाफ चुनावी रण में उतारा जा सके.

2017 में सुजानपुर विधानसभा सीट पर जीत का अंतर.

विधानसभा क्षेत्र में सैनिक और पूर्व सैनिक परिवार अधिक: सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 73,790 मतदाता (Voters in Sujanpur Assembly Constituency) हैं. इसमें 36,969 पुरुष और 36,821 महिला मतदाता शामिल हैं. यहां पर 2,141 सर्विस वोटर भी हैं. यहां जिला के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले सर्विस वोटर अधिक हैं. ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में सैनिक और पूर्व सैनिक पूर्व सैनिकों परिवारों की संख्या अधिक है. यहां जीत और हार के अंतर का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है. पिछले तीन चुनावों में इस सीट पर जीत का अंतर 1919 से लेकर 26,007 तक रहा है.

सुजानपुर विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण.

महज एक दफा हुआ उपचुनाव भाजपा ने मारी थी बाजी: सुजानपुर सीट पर महज एक दफा उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा ने बाजी मारी थी. साल 2014 के उपचुनाव में कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा की पत्नी अनिता राणा को कांग्रेस ने टिकट दिया था. यहां पर कांग्रेस छोड़ भाजपा में वापसी करने वाले नरेंद्र ठाकुर को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा था. नरेंद्र ठाकुर ने यहां पर अनिता राणा को मात देकर उपचुनाव में जीत हासिल की थी.

पर्यटन नहीं हुआ विकसित, न बना आधुनिक बस स्टैंड: सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन की संभावना (Tourism in Sujanpur Assembly Constituency) जिला के अन्य विस क्षेत्रों के मुकाबले में कहीं अधिक है. यहां पर पर्यटन विकसित नहीं हो सका है. बस स्टैंड की बात करें तो सुजानपुर में बस स्टैंड भी नहीं बन सका है. मिनी सचिवालय का निर्माण तो यहां पर लगभग पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक इसका लोकार्पण (Sujanpur Assembly Constituency Issues) भी नहीं किया जा सका है. इस क्षेत्र में पेयजल की दिक्कत भी लोगों को गर्मियों में पेश आती है, हालांकि यहां पर बड़ी पेयजल योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे कुछ हद तक लोगों की समस्या का निदान हुआ है.

सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे.

कांग्रेस विधायक का आरोप- वर्तमान सरकार में क्षेत्र की अनदेखीः कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा (Congress MLA Rajinder Rana on Jairam Government) का कहना है कि इस क्षेत्र की वर्तमान भाजपा सरकार ने अनदेखी की है. हमीरपुर जिले में विकास कार्यों को वर्तमान सरकार ने तवज्जों नहीं दी है. कांग्रेस सरकार के कार्याकाल में सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए कार्यों को ठंडे बस्ते में डालने का वर्तमान भाजपा सरकार ने कार्य किया है.

पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल की दलील- अब तक की भाजपा सरकारों ने किए अभूतपूर्व कार्यःपूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का कहना है कि इस क्षेत्र में भाजपा की अब तक की सरकारों ने अभूतपूर्व विकास कार्य करवाएं है. हर क्षेत्र में यहां के लोगों को विकास हुआ है. क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी की मुलभूत सुविधा लोगों को बेहतर मिल रही है. वर्तमान सरकार में उन्होंने लोगों की हर समस्या के निदान के लिए भरपूर प्रयास किए हैं.

तीन विधानसभा क्षेत्रों का एरिया है शामिल: हमीरपुर जिले के आस्तित्व में आने के साथ ही साल 1972 में आस्तिव में बमसन विधानसभा सीट गठित हुई. 1967 के विस चुनावों में चार विस क्षेत्र थे भोटा, मेवा, हमीरपुर और नदौनता थे जो वर्तमान में जिला हमीरपुर में आते हैं. कांगड़ा जिले के हिस्सा रहे हमीरपुर क्षेत्र में 1967 तक भोटा, मेवा, नदौनता और हमीपुर चार विधानसभा क्षेत्र थे. 1972 में जिला हमीरपुर के गठन के साथ ही बमसन विधानसभा क्षेत्र का भी गठन हुआ जो बाद अब सुजानपुर के नाम से जाना जाता है. इस विस क्षेत्र में बमसन, हमीरपुर और मेवा भोरंज तीन विधानसभा क्षेत्रों को हिस्सा सम्मिलित किया गया था.

साल 1972 में इस सीट पर जीत का अंतर: कांग्रेस से प्रत्याशी चंद्रेश कुमारी ने 5,965 मत लेकर जीत हासिल की. इस चुनाव में चार अन्य आजाद उम्मीदवार मैदान में रहे. यहां पर भारतीय जनसंघ की तरफ से उम्मीदवार मैदान में नहीं था. भूमि देव 4,399 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे जबकि कर्म सिंह को 2,335 मत प्राप्त हुए. 1,566 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रेश कुमारी ने जीत हासिल की.

साल 1977 में जीत का अंतर: साल 1977 में जनता पार्टी से रंजीत सिंह वर्मा ने 7,623 मत हासिल किए. दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी भूमि देव को 5,002 मत प्राप्त हुए. आजाद प्रत्याशी 4,105 मत के साथ तीसरे नंबर पर रहे. 2,621 मतों के अंतर से जनता पार्टी के प्रत्याशी रंजीत सिंह वर्मा यहां पर विजयी रहे.

साल 1982 में जीत का अंतर: भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लश्करी राम ने 12,862 मत लेकर विजयी बने. कांग्रेस के प्रत्याशी रंजीत सिंह वर्मा को यहां पर 9,788 मत प्राप्त हुए. भाजपा ने यहां पर अपने गठन के पहले ही चुनाव में 3,074 मतों से जीत हासिल की.

साल 1985 में इस सीट पर जीत का अंतर: कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी कर्म सिंह ने यहां पर 12,513 मत लेकर जीत हासिल की. भाजपा के प्रत्याशी पृथी सिंह 9,837 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस प्रत्याशी कर्म सिंह ने यहां पर 2,676 मंतों के अंतर के साथ जीत हासिल की.

साल 1990 में जीत का अंतर: भाजपा के प्रत्याशी लश्करी राम ने 16,450 मत हासिल कर जीत दर्ज की. कांग्रेस के प्रत्याशी कर्म सिंह 7,131 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे. इस चुनाव में कांग्रेस से बागी हुए रंजीत सिंह वर्मा ने इंडियन कांग्रेस सोशलिस्ट से चुनाव लड़कर 4,295 मत हासिल किए. भाजपा के लश्करी राम को 9,319 मंतों के रिकार्ड अंतर से जीत मिली.

साल 1993 में जीत का अंतर: साल 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी कलदीप सिंह पठानिया ने 13,657 मत लेकर यहां पर जीत दर्ज की. भाजपा के प्रत्याशी लश्करी राम 13,422 मत प्राप्त हुए. इस सीट से इस चुनाव में विभिन्न दलों और आजाद के रूप में 13 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा. कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप सिंह पठानिया को यहां पर महज 215 मतों से जीत हासिल हुई.

साल 1998 में जीत का अंतर: भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल ने 20,715 मत लेकर जीत हासिल की. कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप सिंह पठानिया को 11,887 मत प्राप्त हुए. हिविकां से चुनाव लड़ने वाले रंजीत सिंह वर्मा को 1,329 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल ने 8,828 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

साल 2003 में जीत का अंतर: भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल (BJP candidate Prem Kumar Dhumal) ने 29,325 मत लेकर जीत हासिल की. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप सिंह पठानिया को 13,627 मत प्राप्त हुए. भाजपा के प्रेम कुमार धूमल ने 15,698 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.

सुजानपुर विधानसभा सीट पर जीत का अंतर.

साल 2007 में सीट पर जीत का अंतर: भाजपा के प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल ने 35,034 मत लेकर जीत दर्ज की. कांग्रेस के प्रत्याशी रि. कर्नल विधि चंद लगवाल को 9047 प्राप्त हुए. भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल ने रिकॉर्ड 26,007 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

साल 2012 में सुजानपुर विधानभा सीट पर जीत का अंतर: साल 2012 के विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने 24,674 मत लेकर जीत हासिल की. कांग्रेस प्रत्याशी अनिता वर्मा को 10,508 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी उर्मिल ठाकुर 8,853 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही. आजाद प्रत्याशी राणा ने 14,166 मतों के अंतर से यहां पर जीत हासिल की.

साल 2017 में सुजानपुर विधानसभा सीट पर जीत का अंतर: साल 2017 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने 25,288 मत लेकर जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल को 23,369 मत हासिल हुए. कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने यहां पर 1,919 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

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