भोरंज/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने इस साल के बजट में प्रदेश से अनुबंध प्रथा को बिल्कुल खत्म करने की मांग उठाई है. साथा ही प्रदेश में अनुबंध से नियमित हुए कर्मचारियों को एक मुस्त नियमित करके वित्तीय लाभ सहित पुरानी पेंशन को भी बहाल करने की मांग की है.
नियमितीकरण का दिया जाए लाभ
हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हजारों अनुबंध कर्मचारी छह, सात व आठ साल के सेवाकाल में नियमित हुए हैं. इससे उनके वेतन में काफी असमानता है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के अनुबंध कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों व उनकी मानसिक परेशानियों को दूर करने के लिए प्रथम नियुक्ति से नियमितीकरण का लाभ दिया जाए.
पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग
साथ ही पुरानी पेंशन की बहाली की जाए. उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार अनुबंध कार्यकाल को दो साल करती है तो आने वाली सरकार एक साल करने की घोषणा करेगी. ऐसी परंपरा को खत्म करने के लिए बजट में प्रदेश से अनुबंध प्रथा को पुरी तरह से बंद करने की घोषणा की जाए.
विभाग ने शिक्षकों की छुट्टियों को किया रद्द
कौशल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण शिक्षक वर्ग ने बच्चों को आनलाइन व ऑफलाइन पढ़ाई करवाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है और विभाग के प्रत्येक आदेशों का पालन किया है. इसके बच्चों में साकारात्मक परिणाम देखने में नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की छुट्टियों को रद्द करने के फरमान जारी किए हैं, जो कि हास्यप्रद हैं. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक वर्ग पता है कि 11 माह बाद स्कूलों में बच्चे पहुंचे हैं. ऐसे में कोई भी शिक्षक जानबूझ कर छुट्टी नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार व शिक्षा विभाग को शिक्षक वर्ग पर कार्यशैली पर विश्वास करना चाहिए. कौशल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षक सरकार व शिक्षा विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है.
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