हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में अब जंगलों और किसानों की भूमि को लैंटाना ग्रास की झाड़ियों (lantana grass plants in Hamirpur) से छुटकारा मिलेगा. हिमाचल के कई जिलों में लैंटाना ग्रास की कंटीली झाड़ियों की वजह खेती की जमीन भी बर्बाद होती है. इसके अलावा जंगलों में भी फलदार अथवा अन्य पौधों को उगाने में यह बाधा बनता है. ऐसे में अब लैंटाना ग्रास को हटाने के लिए वन विभाग हमीरपुर ने नई योजना तैयार की है.
अब इन कंटीली झाड़ियों से फायर ब्रिक्स तैयार किए जाएंगे. हमीरपुर जिला में इसके लिए एक औद्योगिक इकाई भी स्थापित की गई है. प्रदेश सरकार की पाइन नीडल पॉलिसी के (Pine Needle Policy Himachal) तहत हमीरपुर जिला में यह प्लांट स्थापित किया गया है. जिसमें पाइन नीडल के साथ अब लैंटाना ग्रास की कंटीली झाड़ियों से फायर ब्रिक्स तैयार किए जाएंगे.
बायो फ्यूल के विकल्प के रूप में इस्तेमाल होंगे फायर ब्रिक्स: बायो फ्यूल के विकल्प के रूप में इन फायर ब्रिक्स को इस्तेमाल किया जा सकता है. इस विकल्प से जहां एक तरफ प्रदूषण कम होगा. वहीं, दूसरी ओर जंगलों को लैंटाना ग्रास की इन झाड़ियों से भी मुक्ति मिलेगी. पाइन नीडल के साथ मिलाकर यह फायर ब्रिक्स तैयार किए जा रहे हैं. बायो फ्यूल के विकल्प के साथ ही वन विभाग की इस योजना से जंगलों को भी कंटीली झाड़ियों से मुक्ति मिलेगी.
डीएफओ हमीरपुर एलसी वंदना ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार की पाइन नीडल पॉलिसी के तहत हमीरपुर जिला में इस कार्य को किया जा रहा है. अब लैंटाना ग्रास की कंटीली झाड़ियों से फायर ब्रिक्स (Fire bricks factory Hamirpur) तैयार किए जाएंगे. प्राथमिक चरण में हमीरपुर जिले के जंगलों में 40 हेक्टेयर जमीन से इन झाड़ियों को हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन झाड़ियों को जड़ से हटाने का कार्य किया जा रहा है और पाइन नीडल पॉलिसी के तहत स्थापित किए गए प्लांट को यह झाड़ियां दी जा रही हैं.
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