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मिशन अग्निपथ पर सवाल: पूर्व सैनिक बोले यह दोधारी तलवार, 4 साल में कैसे तैयार होंगे फौजी

रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ भर्ती योजना पर देशभर में बहस (Agneepath Bharti Yojana 2022) छिड़ गई है. ईटीवी भारत ने हमीरपुर जिले के सेना में दशकों तक सेवाएं देने वाले पूर्व सैनिकों से उनकी इस योजना को लेकर राय जानी. विभिन्न पदों पर सेवाएं देने वाले इन सेना के पूर्व अधिकारियों और सैनिकों का स्पष्ट कहना था कि 4 साल में ना तो फौजी तैयार होंगे और ना ही यह योजना युवाओं के करियर के हिसाब से सही है. पढे़ं पूरी खबर...

Agneepath Bharti Yojana Selection Process
अग्निपथ भर्ती योजना

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Published : Jun 15, 2022, 7:14 PM IST

हमीरपुर:रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ भर्ती योजना पर देशभर में बहस छिड़ गई है. सत्तासीन दल भाजपा और विपक्षी दलों के नेताओं के इस योजना को लेकर अलग-अलग विचार हैं. देश के कोने-कोने में इस योजना को लेकर लोगों के (Agneepath Bharti Yojana 2022) अलग-अलग विचार हैं. कहीं पर इस योजना को सराहा जा रहा है तो कहीं पर युवा सड़कों पर उतर कर इसका विरोध भी कर रहे हैं. बिहार में युवाओं ने रेलवे प्लेटफार्म पर उतर कर इस योजना का विरोध जताया है.

आखिर क्या है ये योजना: सबसे पहले आपको इस योजना के बारे में बताते हैं. अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 साल से लेकर 21 साल तक (agneepath scheme qualification) के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएंगे. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं. अग्निपथ योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा.

इस योजना के तहत 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा (Agneepath Bharti Yojana 2022) देनी होगी. इस दौरान ही इन्हें 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग भी दी जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया है कि अग्निपथ योजना से निकले जवानों को बहुत सारे राज्यों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, मंत्रालयों में नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी. अग्निपथ योजना के लिए देश के ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों से युवाओं को भर्ती किया जाएगा.

ऐसे किया जाएगा वेतन का भुगतान: भारत सरकार द्वारा (agneepath scheme salary) जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा.

पूर्व सैनिकों की इस योजना को लेकर राय: वीर भूमि के नाम से जाने (Feedback of Ex Servicemen on Agneepath Bharti Yojana) और पहचाने जाने वाले हमीरपुर जिले में हर तीसरा या चौथा परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सेना से जुड़ा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने जिले के सेना में दशकों तक सेवाएं देने वाले पूर्व सैनिकों से उनकी इस योजना को लेकर राय जानी. विभिन्न पदों पर सेवाएं देने वाले इन सेना के पूर्व अधिकारियों और सैनिकों का स्पष्ट कहना था कि 4 साल में ना तो फौजी तैयार होंगे और ना ही यह योजना युवाओं के करियर के हिसाब से सही है. राजस्थान की तपती गर्मी और लेह की कंपा देने वाली ठंड का सामना करने वाले फौजी इस योजना से कैसे तैयार होंगे. इसको लेकर पूर्व सैनिकों ने चिंता जाहिर की है. पूर्व सैनिकों का स्पष्ट कहना है कि सेना को रोजगार से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है.

अग्निपथ भर्ती योजना पर पूर्व सैनिकों से चर्चा
एक्स सर्विसमैन लीग हमीरपुर के अध्यक्ष ब्रिगेडियर दिलीप सिंह का कहना है कि यह योजना ना सेना के लिए सही है और ना ही सैनिक के लिए. सैनिकों को बॉर्डर पर ड्यूटी देने के लिए निरंतरता और कर्तव्य निष्ठा बेहद जरूरी है और यह 4 साल में संभव नहीं है. 4 साल कि इस योजना से सैनिकों में जिम्मेवारी कि वह भावना पैदा नहीं हो पाएगी. वहीं, कर्नल धर्म सिंह ने कहा कि इस योजना को लेकर उनका अलग मत है, यदि यह योजना लागू की जानी थी तो सेना को इस विषय पर पहले खुलासा नहीं करना चाहिए था. अच्छा होता कि सरकार पहले इनकी भर्ती कर लेती और उसके बाद संबंधित विभाग इसे लेकर नियम तय करते. इन 75 प्रतिशत युवाओं को रिटायरमेंट के बावजूद भी कुछ इंसेंटिव दिए जाने प्रावधान भी होना चाहिए. कर्नल एसकेएस चंब्याल ने कहा कि एक बच्चे का सेना के प्रति लगाव बचपन से ही पैदा होता है और 4 साल बाद जब सैनिक को घर भेजा जाएगा तो क्या उसका रवैया या सोच बदल जाएगी? सेना में भर्ती होने के बाद युवा की सोच को नहीं बदला जा सकता है. सेना रोजगार का साधन नहीं है और यह सेना और युवा दोनों के लिए घातक है. यह आग से खेलने वाली एक बात होगी. रक्षा मंत्रालय के बजट को कम करने के तर्क पर उन्होंने कहा कि इसके लिए अन्य विकल्प देखे जाने चाहिए.लेफ्टिनेंट कर्नल हंसराज चंदेल ने कहा कि हमीरपुर जिले में वह बच्चों को सड़कों के किनारे सेना भर्ती के लिए तैयारी के लिए दौड़ते हुए देखते हैं. यह योजना उन युवाओं के लिए एक झटका है जो ताउम्र देश की सेवा करना चाहते हैं. फौजी बनना बच्चों का खेल नहीं है और यह योजना सेना और युवा दोनों के लिए घातक है. वह इसके बिल्कुल भी हक में नहीं हैं और यह दो धारी तलवार है. हो सकता है विदेशों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया हो लेकिन वहां पर इसे अलग ढंग से लागू किया गया है. योजना में कैसे होगा चयन? :सभी तीन सेनाओं के लिए एक (Agneepath Bharti Yojana Selection Process) ऑनलाइन केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से नामांकन किया जाएगा, जिसमें विशेष रैलियों और मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों जैसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क से कैंपस साक्षात्कार आदि शामिल हैं. नामांकन 'ऑल इंडिया ऑल क्लास' के आधार पर होगा और पात्र आयु 17.5 से 21 वर्ष के बीच होगी. अग्निवीर सशस्त्र बलों में नामांकन के लिए निर्धारित चिकित्सा पात्रता शर्तों को पूरा करेंगे जैसा कि संबंधित श्रेणियों/ कार्यों पर लागू होता है. विभिन्न श्रेणियों में नामांकन के लिए अग्निवीरों की शैक्षणिक योग्यता यथावत रहेगी. जैसे- जनरल ड्यूटी (जीडी) सैनिक में प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10वीं है.

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