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वेटलिफ्टर विकास ठाकुर बोले, अगली बार मेडल का रंग बदले यही प्रयास रहेगा

Himachal weightlifter Vikas Thakur, ETV भारत से बुधवार को विशेष बातचीत में कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार 3 मेडल जीतने वाले वेटलिफ्टर विकास ठाकुर ने कहा कि अगली दफा देश के मेडल का रंग बदले यही उनका प्रयास रहेगा. विशेष बातचीत के दौरन उन्होंने बचपन की यादें भी साझा की. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal weightlifter Vikas Thakur
वेटलिफ्टर विकास ठाकुर

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Published : Aug 16, 2022, 4:05 PM IST

हमीरपुर:कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीन मेडल जीतने वाले वेटलिफ्टर विकास ठाकुर की नजर अब एशियाई गेम्स पर है. अगली दफा देश के मेडल का रंग बदले यही उनका प्रयास रहेगा. ETV भारत से बुधवार को विशेष बातचीत में विकास ठाकुर ने यह बयान दिया है. मेडल जीतने के बाद पहली दफा अपने पैतृक गांव पटनौण जाते हुए सर्किट हाउस हमीरपुर में उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने बचपन की यादें भी साझा की. विकास ठाकुर सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के पटनौण के रहने वाले हैं. विकास ठाकुर ने कहा कि वह एशियन गेम्स और ओलंपिक के लिए तैयारियों में जुटे हैं. विकास ठाकुर ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में टेलेंट की कमी नहीं है. देश के मेडल लगातार खेलों में बढ़ रहे हैं. आने वाले समय में खेलों में भारत और अच्छा होगा.

विकास ठाकुर ने कहा कि वे (Himachal weightlifter Vikas Thakur) युवाओं के लिए कुछ अच्छा कर सकें इसका वह भरसक प्रयास करेंगे. सभी खिलाड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन आपका भाग्य भी आपका साथ दे यह भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि वे अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता पिता और विशेषकर पिता को देते हैं. विकास ठाकुर अपने पिता को पहला कोच मानते हैं. गौरतलब है कि लुधियाना में जिस सरकारी स्पोटर्स क्लब में 14 साल की उम्र में बच्चों को खेल गतिविधियों को निखारने का मौका मिलता था वहां पर विकास ठाकुर 7 साल की उम्र में वजन उठाने लग पड़े. 9 साल की उम्र में लुधियाना में प्रैक्टिस करते हुए विकास स्कूली खेलों के बूते स्टेट चैंपियन बन गए. वह लगातार 20 सालों से वेटलिफ्टिंग कर रहे हैं.

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के (Commonwealth Games 2022) रहने वाले वेटलिफ्टर विकास ठाकुर ने इस दफा कॉमनवेल्थ गेम्स में 96 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीत कर इतिहास रचा है. विकास ठाकुर ने लगातार यह तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल अपने नाम किया है. वह इससे पहले 2014 में 85 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर और 2018 में 94 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीत चुके हैं.

विकास ठाकुर भारतीय वायु सेना में सेवारत हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में देश (silver medalist weightlifter vikas thakur) के लिए हिमाचल के किसी खिलाड़ी का यह पहला मेडल है. वेटलिफ्टर विकास ठाकुर ने पुरुषों के 96 किलोग्राम भारव वर्ग में सिल्वर मेडल जीता है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में यह भारत का 12वां मेडल है. भारत को अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में 12 पदक मिल चुके हैं. भारत ने चार गोल्ड, तीन सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. बता दें कि वेटलिफ्टिंग में कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुष वर्ग में लगातार 3 पदक जीतने का रिकार्ड भी विकास ठाकुर के नाम है. वेटलिफ्टिंग पुरुष वर्ग में ऐसा कारनामा करने वाले वह इकलौते भारतीय हैं.

LKG के बाद लुधियाना में पढ़ाई: विकास ठाकुर (Achievements 75) ने एलकेजी के बाद की पढ़ाई लुधियाना से ही की है. स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में चैंपियन बनने के बाद नेशनल स्तर पर उनका जलवा 9 वर्षों से कायम है. वह 9 बार नेशनल चैंपियन बन चुके हैं. पिछले साल ही राष्ट्रीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता में 102 किलोग्राम वर्ग के स्नैच वर्ग में 151 किग्रा भार उठाकर यह कीर्तिमान स्थापित करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.

इससे पूर्व भारतीय रेलवे के प्रदीप सिंह ने स्नैच में (Vikas Thakur of Hamirpur Himachal) 150 किलोग्राम भार उठाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था. इस नेशनल स्पर्धा में 102 किलोग्राम वर्ग में विकास ठाकुर इस चैंपियनशिप में कुल 331 किलोग्राम भार उठाकर नेशनल चैंपियन बने थे.

पिता बृजलाल ठाकुर रेलवे में कार्यरत: विकास ठाकुर के पिता बृजलाल ठाकुर रेलवे में नौकरी करते हैं. माता आशा ठाकुर गृहिणी हैं. उन्होंने कहा कि परिवार लंबे समय से लुधियाना रह रहा है. हालांकि बीच-बीच में विकास ठाकुर परिवार सहित अपने टौणी देवी आते रहे हैं. विकास ठाकुर 2012 से भारतीय वायु सेना में सेवारत हैं और वर्तमान में वह जूनियर वारंट अफसर के पद पर तैनात हैं. हमीरपुर में एलकेजी की पढ़ाई के बाद पिता बृज ठाकुर लुधियाना में नौकरी के चलते बेटे को वहीं ले गए. वह कहते हैं विकास बचपन से शरारती था. ऐसे में उसे व्यस्त रखना पड़ता था. लुधियाना में स्पोटर्स क्लब में दाखिले के बाद विकास ने पीछे नहीं देखा.

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