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'बच्चा मेरे 2 बेटे हैं, लेकिन न खाना पूछते हैं न ही दवाई, बहू कहती है निकल जा यहां से'

दो बेटों और बहुओं से तंग आकर यह बुजुर्ग महिला वीरवार को डीसी हमीरपुर कार्यालय में मदद की गुहार लगाने पहुंची. इस बुजुर्ग महिला का एक बेटा होमगार्ड जवान है और दूसरा बेटा दिहाड़ी मजदूरी करता है. दोनों बेटों की दुत्कार से तंग यह बुजुर्ग दर-बदर भटकने को मजबूर है. यही वजह है कि बुजुर्ग बस में सवार होकर डीसी कार्यालय में न्याय की गुहार लगाने पहुंच गई.

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बुजुर्ग महिला.

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Published : Jul 21, 2022, 6:33 PM IST

Updated : Jul 21, 2022, 6:42 PM IST

हमीरपुर:जिला हमीरपुर के कोट क्षेत्र के मुहि गांव की बुजुर्ग महिला जिंदगी के उस पड़ाव में दर-बदर भटकने को मजबूर है जब उसे अपनी उम्र तक याद नहीं है. मां बेटे के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना को जानकर आपकी आंखे भी जरूर नम हो जाएंगी. दो बेटों और बहुओं से तंग आकर यह बुजुर्ग महिला वीरवार को डीसी हमीरपुर कार्यालय में मदद की गुहार लगाने पहुंची.

इस बुजुर्ग महिला का एक बेटा होमगार्ड जवान है और दूसरा बेटा दिहाड़ी मजदूरी करता है. दोनों बेटों की दुत्कार से तंग यह बुजुर्ग दर-बदर भटकने को मजबूर है. यही वजह है कि बुजुर्ग बस में सवार होकर डीसी कार्यालय में न्याय की गुहार लगाने पहुंच गई. डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक ने समस्या को सुनने के बाद होमगार्ड कमाडेंट से बातचीज की और महिला को कमाडेंट कार्यालय में ले जाया गया. यहां पर बुजुर्ग महिला को तीन के बजे के करीब खाना नसीब हुआ.

वीडियो.

कमाडेंट होमगार्ड की तरफ से महिला के बेटे होमगार्ड जवान प्यार चंद से संपर्क किया तो उसने पहले झूठ बोला कि वह घर पर नहीं है और बाद में प्यार चंद में आने से मना कर दिया. बाद में बड़े बेटे और बहू को मौके पर बुलाया गया है. बडे़ बेटे और बहू के बाद छोटा बेटा भी यहां पर पहुंच गया. अंतत होमगार्ड कमाडेंट हमीरपुर सुशील कौंडल के संजीदा प्रयासों से महिला को देरशाम तक महिला को घर पहुंचाया गया.

डीसी ने बुजुर्ग को दी वॉकिंग स्टीक: डीसी के चैंबर में जब बुजुर्ग महिला पहुंची तो टाइलों पर महिला की लाठी फिसल गई. डीसी देवश्वेता बनिक ने जब यह देखा तो समस्या समझने से पहले रेडक्रास के माध्यम से एक वॉकिंग स्टीक महिला को दी. इसके बाद उन्होंने महिला की समस्या को सुना और कमाडेंट होमगार्ड से इस विषय पर बात की. इसके बाद बुजुर्ग महिला को होमगार्ड कमाडेंट कार्यालय में ले जाया गया. हैरत की बात यह है कि एक दिन पहले यह महिला घर से निकली थी और हमीरपुर में किसी रिश्तेदार के यहां रूकी थी, लेकिन महिला के बेटों के एक दिन बीत जाने के बाद भी मां की कोई खोज खबर नहीं ली.

सावित्री देवी का कहना है कि दोनों बेटों में से एक बेटा भी उसे पानी के लिए नहीं पूछता है. वह लोगों से मांग कर खाना खाने को मजबूर है. वह चाहती है कि प्रशासन और विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर कार्रवाई करें. महिला का कहना है कि इससे पहले भी एक और वह कार्यालय में शिकायत करने पहुंची थी और तब पुलिस थाने को कागज भेज दिए थे. मजबूर होकर एक बार फिर डीसी ऑफिस आना पड़ा है. बेटा शिकायत के बाद थाना में हाजिर नहीं हुआ था और जोर जबरदस्ती करके उसे बेटी के घर में छोड़ दिया. महिला का कहना है कि सुबह से वह भूखी यहां पर भटक रही है.

नियमों तक होगी कार्रवाईः कमाडेंट-होमगार्ड दसवीं वाहिनी हमीरपुर के कमाडेंट मेजर सुशील कौंडल ने कहा कि बुजुर्ग महिला के बड़े बेटे और बहू को कार्यालय बुला लिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले में नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. यह बेहद की दुखद है बुजुर्गों की इस तरह से अनदेखी की जा रही है. डीसी ऑफिस से जब महिला के बारे सूचना मिली तो इन्हें कार्यालय में बुलाया गया. यहां पर परिवारजनों से बात की गई है.

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Last Updated : Jul 21, 2022, 6:42 PM IST

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