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अजीबोगरीब मामला: बुधवार को मृत घोषित किए जाने के बाद जीवित हुआ व्यक्ति, लेकिन वीरवार को कोरोना से मौत

हमीरपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां 73 वर्षीय एक बुजुर्ग चिकित्सक द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद फिर से जीवित हो गया. वहीं, बुधवार को ही बुजुर्ग को मृत घोषित किए जाने की बात को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान महज अफवाह बता चुके हैं, जबकि वीरवार को व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने वाले लोगों का दावा है कि बुधवार को भी मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि वह बाद में जीवित हो उठे थे.

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Published : Sep 16, 2021, 4:15 PM IST

हमीरपुर:जिला हमीरपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां 73 वर्षीय एक बुजुर्ग चिकित्सक द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद फिर से जीवित हो गया. हालांकि इसे एक चूक माना जा रहा था, लेकिन 1 दिन बाद वीरवार को अब इस बुजुर्ग ने सच में ही कोरोना वायरस के कारण दम तोड़ दिया है.

वहीं, पिछले दिन बुधवार को ही बुजुर्ग को मृत घोषित किए जाने की बात को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान महज अफवाह बता चुके हैं, जबकि वीरवार को व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने वाले लोगों का दावा है कि बुधवार को भी मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि वह बाद में जीवित हो उठे थे.

जानकारी के मुताबिक मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में बुधवार को धीरड़ पंचायत के जिस 73 वर्षीय बुजुर्ग को चिकित्सकों ने गलती से मृत घोषित किया था, जोकि बाद में जीवित हो गए थे. उन्होंने गुरुवार सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया है.

बताया जा रहा है कि मृतक बुजुर्ग करीब 10 दिनों से बीमार चल रहा था और पिछले पांच दिनों से हमीरपुर मेडिकल अस्पताल में उपचाराधीन था, जोकि कोरोना पॉजीटिव भी थे. हैप्पी क्लब के सदस्यों को जैसे ही कोरोना पॉजीटिव बुजुर्ग की मौत की सूचना मिली, तो वे सुपडूही गांव में दाह संस्कार करवाने पहुंच गए.

बुजुर्ग के दाह संस्कार में ग्रामीणों ने भी कोविड प्रोटोकाल के तहत भाग लिया. ग्रामीणों ने इसके लिए हैप्पी क्लब सदस्यों का आभार जताया है. हैप्पी क्लब के सदस्य ललित गौतम ने कहा कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में धीरड़ पंचायत के 73 वर्षीय बुजुर्ग को चिकित्सकों ने बुधवार को पहले मृत घोषित कर दिया था.

ललित गौतम ने बताया कि वृद्ध की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई थी. घर में परिजन रोने-बिलखने लग पड़े. गांव में जैसे ही सूचना मिली, तो लोग अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां और अन्य सामान एकत्रित करने में लगे गए, लेकिन थोड़ी देर बाद दोबारा सूचना मिली कि जिस बुजुर्ग को मृत घोषित किया गया था वे जीवित हैं.

हालांकि बुजुर्ग के परिजनों ने भी मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के खिलाफ किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी. वहीं, इस बारे में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान का कहना है कि 14 सितंबर को सुबह के समय मरीज की हालत बेहद गंभीर थी.

इस दौरान डॉक्टर की तरफ से मरीज को मृत घोषित नहीं किया गया था, लेकिन इस तरह की सूचना परिजनों की तरफ से ही घर पर दी गई थी जिससे असमंजस पैदा हुआ. उन्होंने कहा कि वीरवार को तड़के सुबह 3:00 बजे के करीब व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है.

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