हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारी विभाग में विलयकरण की मांग को लेकर प्रदेशभर में संघर्षरत हैं. जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को काम पर न लौटने की सूरत में विभाग ने मनरेगा भुगतान की रिकवरी के फरमान जारी कर दिए हैं. पिछले आठ दिनों से प्रदेशभर में चार हजार से अधिक कर्मचारी जिला परिषद कैडर कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले पेन डाउन हड़ताल पर (pen down strike in hamirpur ) हैं. संघ के धरना स्थलों पर प्रदेश सरकार के नुमाइंदे और चुने हुए विधायक भी पहुंच रहे हैं और कर्मचारियों की मांग को जायज ठहरा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ विभाग की तरफ से वेतन से मनरेगा रिकवरी करने का फरमान जारी कर दिया गया है.
पेन डाउन स्ट्राइक पर जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी: विधायक जायज ठहरा रहे मांग, विभाग का वेतन से रिकवरी का फरमान
अपनी मांग को लेकर हिमाचल के विभिन्न जिलों में जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारी (district council employees officers and federation) पिछले आठ दिन से पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं. प्रदेश भर में ऐसे हजारों कर्मचारी हैं जो इस मांग के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं. हालांकि प्रदेशभर में विकास खंड कार्यालयों से कर्मचारियों को काम पर लौटने के निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे हड़ताल पर रहेंगे.
विभाग की तरफ से हर विकास खंड अधिकारी के तरफ से यह फरमान तकनीकी सहायकों को जारी किया गया है. विभाग के इस फरमान के बावजूद सोमवार को आठवें दिन भी प्रदेशभर में कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. इस कड़ी में विकास खंड कार्यालय हमीरपुर के बाहर भी कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर डटे रहे. प्रदेश जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारी संघ ((district council employees officers and federation)) के प्रधान नरेंदर कुमार ने बताया कि हड़ताल पर बैठे हुए आठवां दिन है और अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक वार्ता नहीं की गई है. उनको प्रधानों, उपप्रधानों और पंचायत सदस्यों के अलावा कई अन्य लोगों का समर्थन मिल रहा है.
बता दें कि कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से पंचायती राज विभाग में विलय करने की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार द्वारा उनकी अनदेखी करने पर अब कर्मचारी शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठ गए हैं. ऐसे में पंचायत स्तर पर होने वाले सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जिससे आमजन को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विभाग की तरफ से मनरेगा रिकवरी कर्मचारियों के वेतन से करने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन संघ ने पहले ही स्पष्ट कर सरकार को ज्ञापन दिया था कि मांगें पूरी नहीं हुई तो हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि जबत इनकी मांग पूरी नहीं हो जती है, वे हड़ताल पर रहेंगे.