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हमीरपुर में BPL सूचि से हटाए पात्र लोग, लोगों में सरकार के प्रति गहरा रोष

पुतड़ियाल पंचायत में सरकार की ओर से लोगों को पत्र भेज कर उन्हें बीपीएल कैटेगरी से हटाने की बात बताई गई है जिससे लोगों में सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है. लोगों ने मांग की है कि एक बार फिर से सर्वे करवाया जाए और जो पात्र लोग हैं उन्हें बीपीएल कैटेगरी में लाया जाए.

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Published : Sep 13, 2020, 11:08 PM IST

BPL category in nadaun
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नादौन/हमीरपुरः विधानसभा क्षेत्र नदौन की पुतड़ियाल पंचायत को बीपीएल मुक्त कर दिया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. गांव में कई परिवार ऐसे हैं जो बीपीएल के लिए पात्र हैं, लेकिन सर्वे कर उन्हें इस कैटेगरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

पंचायत में सरकार की ओर से लोगों को पत्र भेज कर उन्हें बीपीएल कैटेगरी से हटाने की बात बताई गई है जिससे लोगों में सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है. ईटीवी भारत की टीम जब पंचायत के ग्रामीणों से मिलीं तो लोगों ने बताया कि उन्हें गलत तरीके से बाहर किया गया है, जबकि उनके पास बीपीएल से मिल रही सुवधाओं का ही सहारा था, जो अब उन्हें नहीं मिलेंगी.

इतना ही नहीं बीपीएल से कट जाने के कारण विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन सहित अन्य सरकार की ओर से मिल रही सुविधाओं पर भी ग्रहण लग चुका है. बीपीएल से काटे गए परिवारों से बात करने पर पता चला कि एक ही परिवार में चार से अधिक लोग दिव्यांग हैं, जिनका नाम भी बीपीएल से काट दिया है.

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अब ऐसे परिवारों को दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है. दूसरी ओर, कच्चे घरों में अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे कुछ परिवारों ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई भी मदद नहीं मिली है.

परिवार के चार सदस्य दिव्यांग, फिर भी सूची से हटाया

कर्म चंद के परिवार में चार सदस्य दिव्यांग है. वे स्वयं और उनके परिवार में तीन अन्य सदस्य दिव्यांग हैं. कर्म चंद के परिवार में जीवन यापन के लिए कोई आर्थिक साधन नहीं है. उन्होंने बताया कि जब वे सहकारी डिपो में राशन के लिए गए तो पता चला कि बीपीएल से उनका नाम काटा जा चुका है और सरकार की तरफ से निशुल्क मिलने वाला राशन अब उन्हें नहीं मिलेगा.

जर्जर मकान में रहने को मजबूर

इसी पंचायत में एक जर्जर मकान में अपना जीवन यापन कर रहे करतार चंद ने बताया कि वह अपने मकान में अकेले ही रहते हैं जो कि बिल्कुल खस्ताहल में है और सरकार की ओर से उन्हें कोई भी मदद नहीं दी गई है. उनका नाम बीपीएल सूची में शामिल ही नहीं किया गया.

पंचाचत में एक अन्य वृद्ध दिव्यांग महिला ने बताया कि पहले उनकी दिव्यांग पेंशन को हटा कर बीपीएल सूची के तहत उन्हें पेंशन दी गई और अब उनकी इस पेंशन को भी रोक दिया गया है.

वहीं, एक अन्य महिला ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर बच्चों को शिक्षा के लिए फोन का इंतजाम किया ताकि वे पढ़ सकें. घर में कोई भी सदस्य कमाने वाला नहीं है और अब उनका नाम भी सूची से बाहर कर दिया गया है.

पंचायत पर मनमर्जी का आरोप

इस पंचायत के पूर्व उपप्रधान संजीव कुमार ने बताया कि पंचायत की मनमर्जी के चलते एक दर्जन से अधिक पात्र लोगों के बीपीएल से नाम काट देने से उन लोगों को सरकार की ओर से मिलने वाली लाभान्वित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा और इसका असर विधवा पेंशन, बुढ़ापा पेंशन सहित दिव्यांग पेंशन पर भी पड़ेगा.

फिर सर्वे करवाए जाने की मांग

पुतड़ियाल पंचायत के धनियारा ग्राम वासियों में सोमा देवी, प्रवीण कुमारी, भागा देवी, सुनीता सहित अन्य महिलाओं ने पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब लोगों के जानबूझकर बीपीएल से नाम काटे गए हैं जोकि सरासर गलत है.

सरकार की ओर से चलाई जा रही लाभान्वित योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. उपरोक्त सभी लोगों ने मांग की है कि एक बार फिर से सर्वे करवाया जाए और जो पात्र लोग हैं उन्हें बीपीएल कैटsगरी में लाया जाए.

लिखित में दी गई है शिकायतः पंचायत प्रधान

जब इस संबंध में पुतड़ियाल पंचायत की प्रधान उर्मिला देवी से बात की कुछ परिवारों के नाम बीपीएल से काट दिए गए हैं जिसके लिए पंचायत की ओर से स्थानीय प्रशासन को लिखित रूप में बताया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं हुआ है

स्वयं पंचायत का करेंगी दौराः बीडिओ

विकास खंड अधिकारी नादौन अपराजिता चंदेल से बात की तो उन्होंने बताया कि वे स्वयं पंचायत का दौरा करके स्थिति का जायजा लेंगी और जो पात्र लोग हैं उन्हें बीपीएल में डालने के लिए प्रयास किए जाएंगे.

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