हमीरपुर:सालों से प्रारंभिक शिक्षा विभाग उपनिदेशक कार्यालय में (Deputy Director of Elementary Education Hamirpur) सरकारी गाड़ी चलाने वाले चालक को सेवानिवृत्ति पर उपनिदेशक ने ऐसा तोहफा दिया जिसे जानकर आप भी अधिकारी की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाएंगे. अधिकारी से सेवानिवृत्ति पर मिले इस मान-सम्मान से कर्मचारी भी फूला नहीं समाया. जिस अधिकारी को हर रोज यह चालक गाड़ी चला कर कार्यालय लाता था उसी अधिकारी ने सेवानिवृत्ति पर उसे खुद गाड़ी चलाकर घर पहुंचाया. अधिकारी से मिले इस मान-सम्मान से 19 वर्षों तक विभाग की गाड़ी चलाने वाले चालक की आंखे भी खुशी के आंसूओं से भर आई. अपने चालक के लिए सारथी बने अधिकारी की खूब तारीफ हो रही है.
Driver Rajkumar retirement: रिटायर होने पर सरकारी चालक को अधिकारी ने सारथी बनकर पहुंचाया घर, खुशी से भर आई कर्मचारी की आंखें - ड्राइवर राजकुमार की सेवानिवृत्ति
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर डॉ. संजय ठाकुर अपने ड्राइवर राजकुमार को सेवानिवृत्ति के उपरांत खुद ड्राइव करके उन्हें घर तक ले गए. अक्सर उनके ड्राइवर राजकुमार उन्हें गाड़ी में कभी ऑफिस तो कभी स्कूलों के विजिट पर ले जाया करते थे. लेकिन आज शिक्षा उपनिदेशक खुद ड्राइवर बने हुए थे और जहां पर वे खुद बैठते थे उस सीट पर ड्राइवर को बिठाया था.
सेवानिवृत्ति पर कोई अधिकारी अपने ड्राइवर को खुद ड्राइव करके घर तक पहुंचाए इस तरह के नजारे कम ही देखने को मिलते हैं. मंगलवार को हमीरपुर जिले में शिक्षा विभाग में इस तरह का नजारा जरूर देखने को मिला, जब प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक डॉ. संजय ठाकुर (Dr Sanjay Thakur) अपने ड्राइवर राजकुमार को सेवानिवृत्ति के उपरांत खुद ड्राइव करके उन्हें घर तक ले गए. अक्सर उनके ड्राइवर राजकुमार उन्हें गाड़ी में कभी ऑफिस तो कभी स्कूलों के विजिट पर ले जाया करते थे. लेकिन आज शिक्षा उपनिदेशक खुद ड्राइवर बने हुए थे और जहां पर वे खुद बैठते थे उस सीट पर ड्राइवर को बिठाया था.
बता दें कि प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय हमीरपुर में तैनात ड्राइवर राजकुमार (Driver Rajkumar retirement) मंगलवार को शिक्षा विभाग में 19 वर्ष की सेवाएं देने के उपरांत सेवानिवृत हो गए. उनकी सेवानिवृत्ति पर कार्यालय में विदाई समारोह का कार्यक्रम भी रखा गया था. जिसमें उन्हें पूरे मान-सम्मान के साथ विदाई दी गई. ड्राइवर राजकुमार व उनकी धर्मपत्नी माया देवी को कार्यालय में सम्मानित भी किया गया. सेवानिवृत्ति के दौरान प्रारंभिक शिक्षा विभाग कार्यालय का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा.