हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

Hamirpur : बढ़ती महंगाई के खिलाफ CPM का धरना प्रदर्शन, सरकार पर लगाए आरोप - CPM protest in hamirpur

देश में बढ़ती महंगाई (Rising inflation in the country) से आम जनता त्रस्त है. पेट्रोल-डीजल के मूल्य (Petrol-Diesel Prices) में हुई बढ़ोतरी का प्रभाव खाद्य वस्तुओं (food items) पर भी पड़ा है जिसके कारण खाद्य सामग्रियों के दाम भी बढ़े हैं. आसमान छू रही महंगाई के खिलाफ हमीरपुर में सीपीएम (CPM) कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और सरकार पर जुबानी प्रहार किए. सीपीएम (CPM) कार्यकर्ताओं ने देश में बढ़ती मंहगाई के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

Demonstration of CPIM in Hamirpur
CPM protest in hamirpur

By

Published : Nov 25, 2021, 3:56 PM IST

हमीरपुर:लगातार बढ़ रही महंगाई (Rising inflation in the country) के विरोध में सीपीएम (CIM) कार्यकर्ताओं ने शहर भर में रोष रैली निकाली और गांधी चौक (Gandhi Chowk) पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन (Demonstration) किया. धरना प्रदर्शन में स्थानीय लोगों ने भी हिस्सा लिया और बढ़ती महंगाई का विरोध (CPM protest in hamirpur) किया.


सीपीएम (CPM) के जिला सचिव जोगिंद्र सिंह ने कहा कि बढ़ती महंगाई से आम आदमी का जीना मुश्किल (protest against Rising inflation) हो गया है. दो वक्त की रोटी जुटा पाना भी कठिन हो गया है. उन्होंने आरोप लगाए कि जब से केंद्र में मोदी सरकार (Modi government) आई है तब से महंगाई लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि यह आर्टिफिशियल महंगाई (artificial inflation) है, इसका पैदावार से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी (PM Modi) ने सरकार संभाली थी उस समय डीजल (diesel) पर 2.30 और पेट्रोल (petrol) पर तीन रुपये एक्साइज ड्यूटी (excise duty) थी.

वीडियो.
उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर (international level) पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी कटौती हुई है उसके बावजूद सरकार ने जनता को राहत देने की बजाए लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा सरकार पहले आवश्यक वस्तु अधिनियम (essential commodities act) के तहत 24 वस्तुओं के मूल्य का निर्धारण (fixation of value) स्वयं तय करती थी. अब सरकार ने इन वस्तुओं को अधिनियम से धीरे-धीरे बाहर किया है और अब इनका निर्धारण करने का काम कंपनियों को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि कंपनियां अपनी मर्जी से दाम तय करती हैं, जो किसान अन्न पैदा करता है उसे पैदावार का उचित दाम भी नहीं मिल पाता.ये भी पढ़ें :परवाणू बिल्डिंग हादसा: तीसरे दिन भी राहत बचाव कार्य जारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details