हमीरपुर:ऐतिहासिक गांधी चौक पर हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के स्वागत के बहाने कांग्रेस चुनावी साल में जिले में बड़ा शक्ति प्रदर्शन करेगी. शक्ति प्रदर्शन के साथ ही जिला कांग्रेस के लिए यह स्वागत समारोह एकजुटता की अग्निपरीक्षा भी होगी. शक्ति प्रदर्शन के साथ अग्निपरीक्षा इसलिए, क्योंकि हाईकमान के तमाम दावों के बावजूद जिला कांग्रेस और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के स्थापित कांग्रेस नेताओं में वर्चस्व की जंग हाल ही के कुछ दिनों में आपसी तकरार के रूप में उभर कर आ चुकी है, ऐसे में 19 मई वीरवार को हमीरपुर के ऐतिहासिक गांधी चौक में हो रहे इस शक्ति प्रदर्शन में जिले के कांग्रेसियों की एकजुटता के भी अग्निपरीक्षा होगी.
लंबे समय के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में गांधी चौक पर कांग्रेस बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है. कांग्रेस के इस शक्ति प्रदर्शन पर प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों के साथ ही अपनी ही पार्टी ही अन्य नेताओं की भी निगाहें रहेंगी कि क्या सुक्खू की अगुवाई में दिल्ली हाईकमान के एकजुटता के संदेश को हमीरपुर में जमीनी स्तर पर कांग्रेस दिखा पाएगी?
शोक और सम्मेलन बने थे तकरार की वजह: हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी टिकट के लिए कदमताल कर रहे नेताओं का कार्यकर्ता सम्मेलन और दिवंगत कांग्रेसी नेता पंडित सुखराम की शोक सभा हमीरपुर कांग्रेस में तकरार की वजह बनी थी. जिला अध्यक्ष राजेंद्र जार ने पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया और प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू की अगुवाई में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन पर पार्टी संविधान का हवाला दिया था, तो वहीं, पठानिया ने पूर्व प्रत्याशी होने के नाते इसे अपना अधिकार क्षेत्र बताया था.
हमीरपुर के ही एक निजी होटल में आयोजित इस कार्यकर्ता सम्मेलन में न तो जिला कांग्रेस के पदाधिकारी मौजूद थे और ना ही ब्लॉक कांग्रेस कमेटी हमीरपुर के. ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की शिकायत को आधार बनाकर जिला अध्यक्ष राजेंद्र जार ने जवाब तलब किया था. इतना ही नहीं कांग्रेस सेवा दल हमीरपुर के बैठक में शोक सभा के बहाने पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया के मीडिया में दिए गए बयानों पर जिला अध्यक्ष ने सवाल उठाए थे. अध्यक्ष ने बाकायदा प्रेस नोट जारी कर नेताओं के यह नसीहत दी थी कि पार्टी की तरफ से पंडित सुखराम के निधन पर 7 दिन का शोक किया गया है ऐसे में शोक सभाओं के बहाने बयान बाजी ना करें.