हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के विधानसभा चुनावों में हार की जांच के बयान पर कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा ने प्रतिक्रिया दी है. राणा ने कहा कि हारे हुए व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या से कम नहीं (Rajinder Rana on Prem Kumar Dhumal) है. दरअसल पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एक सवाल के जवाब में हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहा था कि यदि मुख्यमंत्री के घोषित प्रत्याशी की हार की उत्तराखंड में जांच हो सकती है तो यह सुजानपुर में भी संभव है.
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को हार के बावजूद मुख्यमंत्री बनाया गया है ऐसे भी हिमाचल में भी 2017 के विधानसभा चुनावों में घोषित मुख्यमंत्री के प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल को हार के मुख्यमंत्री न बनाए जाने को लेकर अब भाजपा के एक गुट ने बहस छेड़ दी (Rajinder Rana on himachal elections) है. ऐसे में अब कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा ने उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के भाजपा के निर्णय को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि इस दौरान राणा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा दिए गए जांच के बयान से बचते हुए ही नजर आए.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बयान पर विधायक राजेंद्र राणा की प्रतिक्रिया हमीरपुर के कुठेड़ा में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए राजेंद्र राणा ने कहा कि जिन लोगों को जनता ने स्वीकार नहीं किया, उन्हें प्रदेश का मुखिया बनाने के हक में वह बिल्कुल नहीं है. कांग्रेस संगठन में बदलाव की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि अटकलों का नाम ही राजनीति है और इस तरह की अटकलें जारी रहती (Uttarakhand CM Dhami defeat) हैं. उन्होंने कहा कि बदलाव को लेकर जब तक कोई चिट्ठी और नोटिफिकेशन जारी नहीं होती है तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. वहीं बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किए जाने पर उन्होंने कहा कि शिमला में नगर निगम के चुनाव प्रस्तावित हैं ऐसे में पार्टी के बैठके लगातार हो रही हैं.
आम आदमी पार्टी की मंडी में बुधवार को हुए रोड शो कर राजेंद्र राणा ने कहा कि हर राजनीतिक दल को रोड शो और रैली करने का हक है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है. वर्तमान में प्रदेश में सत्तासीन सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा (himachal assembly election 2022) है. महंगाई और बेरोजगारी से लोग तंग आ चुके हैं और लोगों ने कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना लिया है. पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया है. हिमाचल में सरकार बनते ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया जाएगा.
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