हमीरपुरःकोरोना महामारी के चलते जिले में अपनी जान को जोखिम में डालकर हर दिन कूड़े कचरे का निपटारा करने वाले सफाई कर्मचारियों को दो वक्त की रोटी के लिए भी अपने संपत्ति को बेचना पड़ रहा है. हमीरपुर में ठेकेदार के पास सफाईकर्मी का काम करने वाली माया देवी ने राशन की दुकान का हिसाब चुकता करने के लिए अपनी सोने की बालियां बेच दी.
गौर रहे कि पिछले 3 दिनों से नगर परिषद हमीरपुर के ठेकेदार के पास काम करने वाले स्थाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल और बिखरा हुआ कचरा हर किसी को नजर आ रहा है, लेकिन प्रशासन को जो नजर नहीं आ रहा वह है इन सफाई कर्मचारियों की लाचारी.
माया देवी का कहना है कि वह अपनी बालियां बेचने के लिए मजबूर हुई, क्योंकि जिस राशन की दुकान से वह राशन लेती हैं, उसका हिसाब चुकाने के बाद ही उसके पास पैसे नहीं थे.
माया देवी ने कहा कि बच्चे को दूध पिलाने के लिए पैसे नहीं होने के कारण उसे बालियां बेचनी पड़ी. माया देवी कहती हैं कि उसके तीन पोते हैं और एक 1 साल की छोटी पोती है. जिसको वह सूखे दूध को पानी में घोलकर पिलाती हैं.
पिछले शाम को भी गांव में जाकर लोगों से खाने के लिए रोटी मांगी. महिला का कहना है कि अब तो हालात ऐसे हैं कि मर जाना ही सही है. वहीं, सफाई कर्मचारी राजू का कहना है कि 3 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है. गांव वालों से मांग कर खाने को मजबूर हैं. हालात ऐसे हैं कि कभी गाड़ी वाले कुछ खाने के लिए दे जाते हैं तो कभी कोई. वेतन न मिलने से अब दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल रही है.
हालात ऐसे हैं कि ना तो नगर परिषद के अधिकारी सफाई कर्मचारियों की सुनवाई कर रहे हैं और न ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी. पिछले 1 सप्ताह से यह कर्मचारी काम को बार-बार रोक रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को कचरे के ढेर ही नजर आ रहे हैं.
दो वक्त की रोटी के लिए लाचार इन गरीब सफाई कर्मचारियों की मजबूरी किसी को नजर नहीं आ रही है. सफाई कर्मचारियों की यह हालात उस देश में है जहां पर देश के प्रधानमंत्री खुद सफाई कर्मचारियों के पैर धोते हैं, लेकिन धरातल पर तस्वीर कुछ अलग ही है. वहीं, जब इस बारे में नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार से बात की गई तो रटा रटाया जवाब ही मिला कि ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है.