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Published : Nov 25, 2021, 10:22 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 6:19 AM IST

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HAMIRPUR: कॉलेज कैंपस के पास पत्थर बन गया सीमेंट, जानिए कितने बैग मिले

सीमेंट के अभाव में एक तरफ विकास काम नहीं हो रहे.वहीं, दूसरी ओर ठेकेदारों की लापरवाही(negligence of contractors) के कारण सरकारी सीमेंट के बैग पत्थर बनते(Government cement turned stone) जा रहे.हमीरपुर कॉलेज कैंपस(Hamirpur College Campus) के पास निर्माणाधीन वाटर टैंक (water tank)के पास. यहां तिरपाल के नीचे सीमेंट के 53 बैग्स(53 bags of cement found) मिले.

Hamirpur College Campus
हमीरपुर कॉलेज कैंपस

हमीरपुर: सीमेंट के अभाव में एक तरफ विकास काम नहीं हो रहे.वहीं, दूसरी ओर ठेकेदारों की लापरवाही(negligence of contractors) के कारण सरकारी सीमेंट के बैग पत्थर बनते(Government cement turned stone) जा रहे. ऐसा ही एक मामला सामने आया हमीरपुर कॉलेज कैंपस(Hamirpur College Campus) के पास निर्माणाधीन वाटर टैंक (water tank)के पास. यहां तिरपाल के नीचे सीमेंट के 53 बैग(53 bag of cement found) मिले.

बताते चलें कि सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन(Civil Supplies Corporation) के माध्यम से सरकारी कार्यों के लिए मिलने वाले सीमेंट के सब्सिडी पर दाम मौजूदा समय में 297 रुपए के करीब है,उस हिसाब से यह 15744 रुपए का सीमेंट है. इसके अलावा इसे करिअर कॉस्ट (career cost)अलग से होती है. वहीं, ओपन मार्केट में इनकी कीमत ज्यादा है.

बताया गया कि यह बैग यहां बन रहे पानी के टैंक के शेष बचे कार्य में इस्तेमाल होने थे ,लेकिन लापरवाही के चलते संबंधित ठेकेदार ने इन्हें यूज नहीं किया. चुपचाप इन्हें तिरपाल से ढक दिया .ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बैग यहां काफी समय से पड़े थे और किसी का ध्यान नहीं गया. जो कंपनी इस काम को करवा रही उनका कार्यालय बाईपास रोड(Bypass Road) पर है. आईपीएच अधिकारियों ने मौके पर जाकर निरीक्षण(IPH officials reached the spot) किया .एसडीओ हमीरपुर सुखदेव (Hamirpur SDO Sukhdev) ने बताया मौके पर जाकर देखा गया. सीमेंट के 53 बैग मिले ,जिनमें से 12 ठीक बाकी सब खराब हो गए.

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Last Updated : Nov 26, 2021, 6:19 AM IST

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