हमीरपुर:जिला में नादौन और बड़सर थाना में जमा दो कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्रों से पशुपालन विभाग में नौकरी हासिल करने वाले दो फार्मासिस्टों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. दोनों आरोपी विभागीय जांच के दौरान ही मेडिकल लीव पर चले गए हैं. पशुपालन विभाग निदेशालय शिमला की तरफ से की गई विभागीय जांच के बाद संबंधित थानों में दोनों फार्मासिस्टों के खिलाफ केस दर्ज किए गए है.
दोनों ने बतौर चपरासी पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) में नौकरी हासिल की थी और बाद में दोनों फार्मासिस्ट के पद पर पदोन्नत हो गए. मामले का खुलासा आईटीआई से हुआ है. आरटीआई से शिकायत मिलने के बाद विभाग ने अपने स्तर पर मामले की जांच की थी. निदेशालय की तरफ से जांच के पशुपालन विभाग हमीरपुर उपनिदेशक को संबंधित थानों में केस दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद नादौन और बड़सर थाना में दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 तहत केस दर्ज किया गया है.
जांच में यह पाया गया है कि दोनों शुरू में चतुर्थ श्रेणी के पद पर भर्ती हुए थे. बाद में इन्होंने बारहवीं कक्षा के प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए और विभाग में ट्रेनिंग के बाद वेटरनेरी फार्मासिस्ट के पद पर पदोन्नत हो गए. विभागीय जांच में दोनों वेटरनेरी फार्मासिस्टों के बारहवीं कक्षा के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. वेटरनेरी फार्मासिस्ट राजन जोकि पशु औषधालय बल्ह बिलाह बड़सर में सेवारत हैं और दूसरे फार्मासिस्ट विनोद कुमार पशु औषधालय सेरा उपमंडल नादौन में सेवाएं दे रहे हैं.