भोरंज/हमीरपुर: भोरंज उपमंडल में शुरू किए एनीमिया रोकथाम पायलट प्रोजेक्ट के तहत आज दस अलग-अलग स्थानों में खून की जांच के लिए आयुष विभाग की तरफ से शिविरों को आयोजन किया गया. इस दौरान बच्चों, किशोरियों और ग्रामीणों के खून की जांच की गई और एनीमिया से बचने के लिये स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लोगों को जागरूक किया गया.
आयुष अधिकारी ने खून को लेकर दी जानकारी
आयुष अधिकारी सरिता राणा ने कहा कि अगर लोगों ने संतुलित व पौष्टिक आहार पर ध्यान नहीं दिया तो उन्हें एनीमिया का शिकार होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मनुष्य के शरीर में आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का बनना सामान्य हो जाता है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है और लोगों को एनीमिया हो जाता है. साथ हीक हा कि बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग एनीमिया से ग्रस्त हो रहे हैं, लेकिन किशोरावस्था, प्रसव के बाद रजोनिवृत के बीच की आयु में ये समस्या सबसे अधिक देखी जा सकती है.
एनिमिया के लक्षण
- थकान होना
- शरीर का पीला होना
- कमजोरी होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- सीने में दर्द
- चक्कर आना
एनिमिया का उपचार