हमीरपुर: हमीरपुर जिले में 2016-17 में शुरू किए गए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सार्थक परिणाम देखने को मिले हैं. जिले में 2020 में किए गए सर्वे के मुताबिक कुल 229 पंचायतों में से 114 पंचायतों में बाल लिंगानुपात में बेहतर सुधार देखने को मिला है. 114 पंचायतों में बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या 1000 से अधिक पाई गई.
हालांकि 2021 में जिले में पंचायतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और वर्तमान समय में जिले में 248 ग्राम पंचायतें हैं. इतना ही नहीं विकासखंड हमीरपुर की अगर बात की जाए तो यहां पर तो लगभग सभी पंचायतों में इस तरह का लिंगानुपात पिछले कई सालों से देखने को मिल रहा है. यहां तक पहुंचने के लिए हमीरपुर जिले ने खासे से प्रयास किए हैं. खासकर महिला एवं बाल विकास विभाग हमीरपुर की मेहनत जिले में रंग लाई है बात चाहे लोगों को जागरूक करने की हो या फिर बेटियों को मान सम्मान दिलाने की.
हमीरपुर की शान-बेटियां हैं पहचान: 'हमीरपुर की शान बेटियां हैं पहचान' इस नारे को भी हमीरपुर जिला ने अपने नाम के मुताबिक ही सार्थक किया है. इस नारे के तहत ही हमीरपुर जिले में उन तमाम बेटियों की उपलब्धियों को सराहा गया. जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में जिला और प्रदेश का नाम ऊंचा किया है. इस मुहिम के तहत बेटियों के नाम के बोर्ड जिला के सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए इन बोर्ड और बैनर पर बेटियों की उपलब्धि और उनके फोटो छापे गए और पंचायत घरों में भी उनके नाम इन बोर्डों में दर्शाए गए.
इतना ही नहीं बल्कि घर की नेम प्लेट में भी बेटियों के नाम से परिवार को जाना जाने लगा. महिला एवं बाल विकास विभाग हमीरपुर तथा जिला प्रशासन हमीरपुर के प्रयासों से जिन बेटियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की थी उनके नाम के नेम प्लेट उनके घरों के बाहर लगाई गई.
गुड्डा गुड्डी बोर्ड का भी रहा अहम योगदान: महिला एवं बाल विकास विभाग हमीरपुर के प्रयासों से ही पंचायतों में गुड्डा गुड्डी बोर्ड भी स्थापित की गई जिसमें बाल लिंगानुपात के बारे में सूचना को अपडेट किया जाने लगा जिससे जहां एक तरफ लोगों को जागरूक किया गया तो वहीं दूसरी और आंकड़े भी विभाग की तरफ से अपडेट रहने लगे.