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MSME के लिए केंद्र ने उठाए ऐतिहासिक कदम, 1,25,099 करोड़ का ऋण स्वीकृत: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सूक्ष्म, लघु, मध्यम, गृह उद्योग व व्यवसायियों के लिए मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 100 फीसदी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत इन व्यवसायियों के लिए 1,25,099 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया जा चुका है.

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फाइल फोटो.

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Published : Jul 15, 2020, 5:35 PM IST

शिमला: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सूक्ष्म, लघु, मध्यम, गृह उद्योग व व्यवसायियों के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 100 फीसदी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत इन व्यवसायियों के लिए 1,25,099 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना आपदा से देशवासियों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आत्मनिर्भर भारत पैकेज दिया है. इस आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत केंद्र सरकार ने सभी वर्गों का पूरा ध्यान रखा व उन्हें उनकी जरूरतों के हिसाब से सहायता प्रदान की जा रही है. आत्मनिर्भर भारत पैकेज बनाते समय सरकार ने विभिन्न सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा की थी और उसी के अनुरूप नीतियां बनाई.

वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म, लघु, मध्यम, गृह उद्योग व व्यवसायियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा भारत सरकार की गारंटी पर 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत ऋण देना शुरू किया. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 1,25,099 करोड़ रुपये का ऋण सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए मंजूर किया है, जिनमें से 61,987 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. कुल 37.14 लाख ऋणों की स्वीकृति इस योजना के अंतर्गत दी गई है. इन उपायों से बैंकों से 20 फीसदी अतिरिक्त कार्यशील पूंजी एमएसएमई को कम ब्याज दर पर मोदी सरकार दे रही है, जिससे रोजगार के पर्याप्त अवसर बढ़ेंगे व इसका सबसे ज्यादा लाभ छोटे शहरों व व्यापारियों को मिलने वाला है.

मध्यम, सूक्ष्म और लघु उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इनकी परिभाषा में बदलाव किया है. नई परिभाषा में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की बिक्री सीमा को बढ़ा दिया गया. अब पांच करोड़ तक के टर्नओवर की इकाई सूक्ष्म, 50 करोड़ के टर्नओवर की इकाई लघु और 100 तक के टर्नओवर तक की इकाई को मध्यम वर्ग में शामिल किया जाएगा, यानी छोटे उद्योगों को मिलने वाली रियायतों की सीमा का विस्तार होगा इससे उद्योग का आकार और व्यापार बढ़ेगा. मध्यम, सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योग (एमएसएमई) के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल का प्रावधान बिना गारंटी और कोलैटरल के किया गया है.

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत तनाव ग्रस्त एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये का सबऑर्डिनेट ऋण दिया जाएगा. इसका सीधा लाभ दो लाख से ज्यादा एमएसएमई को मिलने वाला है. एमएसएमई अपना आकार बढ़ाना चाहती थी, उनके लिए फंड्स ऑफ फंड्स के माध्यम से 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन का प्रावधान किया गया है. इस कदम से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे जो देश को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को साकार करेंगे.

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