हमीरपुर: हिंदी दिवस पर हम आपको मिलाएंगे हमीरपुर जिला के एक ऐसे हिंदी लेखक से जिनके लिखावट प्रिंटिंग से कम नहीं है. जी हां हिंदी में कुछ ऐसा लिखते हैं कि आपको शब्दों की बनावट प्रिंटर की प्रिंटिंग जैसे ही प्रतीत होगी.
हम बात कर रहे हैं हमीरपुर में सोने के कारीगर का काम करने वाले अजय सोनी की. अजय सोनी यूं तो 3 भाषाओं तमिल हिंदी और अंग्रेजी में लिख लेते हैं, लेकिन हिंदी से उनका प्रेम बहुत पुराना है वह हिंदी को इतना बारीक लिख लेते हैं जितना अखबार में छपा होता है और इतना सुंदर और बनावट से लिखते हैं कि देखने और पढ़ने वाले का मन मोह लेते हैं.
भारतवर्ष में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था. हिंदी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कार का प्रतिबिम्ब हैं. देश में कई लोग ऐसे हैं जिनका हिंदी के प्रति अगाध स्नेह पाया जाता है. कुछ हिंदी में कविताओं, तो कुछ कहानियों और साहित्य के माध्यम से अपना योगदान दे रहे हैं.
हमीरपुर के अजय सोनी का हिंदी लेखन की अदभुत बनावट से सहज ही लोगों का दिल जीत लेते हैं. सोनी की लिखावट को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये उन्होंने नहीं बल्कि कम्पयुटर से प्रिंट निकाला गया हो. मोतियों से लिखावट की अदभुत कला के माहिर अजय सोनी हमीरपुर के कई कार्यालयों, व्यापार मंडल और विभिन्न संगठनों के लिए हिंदी लेखन से अपना योगदान दे चुके हैं. कई बार लोग प्रिटिंग प्रेस में जाने में की बजाए सोनी से ही पोस्टर बनावाने को तरजीह देते हैं.