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भारत के कई राज्यों में तेज हुआ टिड्डी सेना का 'हमला', हिमाचल में भी अलर्ट - Himachal locust alert

हमीरपुर के कृषि विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि टिड्डी दल ने अभी तक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में 50 हजार हैक्टेयर से अधिक फसल को खराब कर चुका है. उन्होंने बताया कि फसलों को टिड्डी से बचाने का वैज्ञानिक तरीका कीटनाशक है. विभाग ने अधिक जानकारी के लिए टेलीफोन नंबर भी जारी किए गए हैं.

Locust attack in hamirpur
Locust attack in hamirpur

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Published : May 29, 2020, 7:35 PM IST

हमीरपुरः राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद टिड्डी दल के हमले की आशंका को लेकर कृषि विभाग हमीरपुर अलर्ट हो गया है. जिला हमीरपुर के कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि टिड्डी दल ने भारत में दस्तक दे दी है. अभी तक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में यह टिड्डी दल करीब 50 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल को खराब कर चुका है.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी टिड्डी दल पहुंच चुका है. यह टिड्डी दल प्रतिदिन 100 से 150 किलोमीटर तक उड़ सकती है और 20 से 25 मिनट में ही पूरी फसल को बर्बाद कर सकती है. यही कारण है कि इसे 27 साल बाद सबसे बड़ा टिड्डी हमला मान जा रहा है.

सामान्यता भारत में टिड्डियों का हमला राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में होता है. ये रेगीस्तानी टिड्डे होते हैं. इसलिए उन्हें ब्रीडिंग के लिए रेतीला इलाका पंसद आता है. इनका ब्रीडिंग समय जून-जुलाई से अक्तूर-नवम्बर तक होता है.

एक टिड्डी एक समय में 150 अंडे तक देती है. यह भी माना जा रहा है कि ये टिड्डियां बड़ी तेजी से बढ़ती हैं. इनकी पहली पीढ़ी 16 गुणा, दूसरी पीढ़ी 400 गुणा, तीसरी पीढ़ी 16 हजार गुणा हो जाती है.

डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि भारत में टिड्डियां पाकिस्तान के जरिए और पाकिस्तान में ईरान के जरिए आती हैं. इसी साल टिड्डियों के हमले को देखते हुए पाकिस्तान ने नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी है. इसके बाद 11 अप्रैल से भारत में भी टिड्डियों का आना शुरू हो गया है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि टिड्डी के हमले के बचाव के लिए किसान कीटनाशक जैसे मेलाथियान 50 प्रतिशत इसी-1850 एमएल प्रति 500 लीटर पानी/ हैक्टेयर, 25 प्रतिशत डब्ल्यू पी-3700 ग्राम प्रति 500 लीटर पानी/ हैक्टेयर और क्लोरपायरीफोस 20 प्रतिशत ईसी-1200 एमएल प्रति 5500 लीटर पानी/ हैक्टेयर इस्तेमाल कर सकते हैं.

वहीं, 50 प्रतिशत ईसी-500 एमएल/ 500 लीटर पानी/हैक्टेयर व जैविक नियंत्रण जीव जैसे मेटारिजियम और ब्यूवरिया 200 ग्राम प्रति 30 लीटर पानी प्रति कनाल का प्रयोग कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि फसलों को टिड्डी से बचाने का वैज्ञानिक तरीका तो कीटनाशक ही है.

अधिक जानकारी के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क

वहीं, जिला हमीरपुर के किसानों से कृषि विभाग के उपनिदेशक ने यह भी आग्रह किया है कि वे सचेत रहें और अधिक जानकारी के लिए कृषि उप निदेशक के टेलीफोन नम्बर 01972-222502, मोबाईल नम्बर 94180-08153, जिला कृषि अधिकारी के टेलीफोन नम्बर- 01972-225482, मोबाईल नम्बर 80911-35753 पर संपर्क कर सकते हैं.

इसके अलावा विषयवाद विशेषज्ञ हमीरपुर के टेलीफोन नम्बर- 01972-221535, मोबाईल नम्बर 94181-32380, विषयवाद विशेषज्ञ बिझड़ी के टेलीफोन नम्बर 01972-283347, मोबाईल नम्बर 98163-50423, विषयवाद विशेषज्ञ नादौन के टेलीफोन नम्बर 01972-233551, मोबाईल नम्बर, 94184-76575, विषयवाद विशेषज्ञ भोरंज के टेलीफोन नम्बर 01972-266960, मोबाईल नम्बर 94186-55267, विषयवाद विशेषज्ञ सुजानपुर के टेलीफोन नम्बर 01972- 272915, मोबाईल नम्बर 70185-55457 और कृषि विषयवाद विशेषज्ञ बमसन के टेलीफोन नम्बर 01972-27827 और मोबाईल नम्बर 98160-45244 पर संपर्क कर सकते हैं.

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