हमीरपुर:हिमाचल में चुनावी साल में आम आदमी पार्टी के (Aam Aadmi Party) शिक्षा संवाद कार्यक्रम की परख भी बेहद जरूरी है. शिक्षा के सियासी संवाद में सवाल दर सवाल तो हुए, लेकिन जवाबी भाषण एक ही था. अभिभावकों और शिक्षाविदों ने सवाल तो (Aam Aadmi Party Shiksha Samvad) किए, लेकिन सवाल दर सवाल जवाबों के बजाए अन्य नेताओं की तरह आम आदमी पार्टी के मुखिया अरिवंद केजरीवाल पारंगत सियासी भाषण तक ही सीमित रहे. सवालों और जवाबों पर तर्क-वितर्क की बजाए शिक्षा संवाद में सियासी घेराबंदी अधिक देखने को मिली.
कार्यक्रम को शिक्षा संवाद का (Education Dialogue Program in Hamirpur) नाम दिया गया था ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि सवाल दर सवाल जवाब भी नाम सहित मिलेंगे, लेकिन दूसरे सवाल पर ही आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पंकज पंडित ने मंच से स्पष्ट कर दिया कि सीएम केजरीवाल एक साथ सभी सवालों के जवाब देंगे. जवाब देने के लिए मंच पर जब केजरीवाल पहुंचे तो वह भाजपा सरकार को घेरते हुए तो दिखे लेकिन सवाल पूछने वालों से सीधा संवाद की कमी उनके भाषण में खली. भाषण में केजरीवाल हर सवाल को छूने का प्रयास करते तो दिखे लेकिन संवाद के मायनों को सार्थक नहीं कर पाए. सभी सवालों का एक अंतिम जवाब भाषण के रूप में देकर विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रदेश के लोगों से एक मौका मांग गए.
पांच सवालों का जवाब 30 मिनट का भाषण:30 मिनट से अधिक के भाषण में अभिभावकों के पांच सवालों का जवाब देने के लिए मंच पर पहुंचे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भाषण से प्रदेश सरकार (ARVIND KEJRIWAL IN HAMIRPUR) को घेरा. केजरीवाल ने तथ्य भी रखे लेकिन जिन लोगों के सवाल थे उनको जवाब की बजाय वह भाजपा सरकार को घेरने और दिल्ली और पंजाब सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित रहे. संवाद में पांच सवाल शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षाविदों ने पूछे. इसमें सवाल पेपरलीक, शिक्षा के रोडमैप को लेकर पूछे गए थे. यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि केजरीवाल सवाल दर सवाल जवाब भी देंगे, लेकिन संवाद एक तरफा ही साबित हुआ.