हमीरपुर:मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में तमाम कागजी औपचारिकता पूरी करने के बावजूद बेटे के पोस्टमार्टम के लिए लाचार पिता को 5 घंटे तक भटकना पड़ा. ऊना जिले के बंगाणा निवासी कमलेश चंद के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. युवक की मौत के बाद बंगाणा पुलिस और परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लाए, लेकिन यहां पर करीब 6 घंटे के बाद उन्हें टांडा भेज दिया गया.
मृतक के परिजनों और पिता कमलेश चंद ने इसका विरोध जताया है. परिजनों ने आरोप लगाया (no doctor in Hamirpur Medical college) कि जब अस्पताल में पोस्टमोर्टम करने वाला डॉक्टर छुट्टी पर था तो उनका समय क्यों बर्बाद किया गया. अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि मामले के कागजी जांच के बाद पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत थी. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का फॉरेंसिक एक्सपर्ट छुट्टी पर था जिस वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा भेजा गया है.
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस को यह जानकारी नहीं थी कि (Hamirpur Medical college management accused of negligence) इस पोस्टमार्टम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत है या फिर जानबूझकर पुलिस टीम टांडा मेडिकल कॉलेज जाने से टल रही थी. कारण या चाहे जो भी रहे हो बेटे को दुर्घटना में खोने वाले कमलेश चंद्र और उसके परिजनों को पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की कोताही के कारण परेशान होना पड़ा.