धर्मशालाःकेंद्रीय तिब्बत प्रशासन इन दिनों धर्मशाला में मतदाता पंजीकरण के काम में जुटा है. निर्वासित तिब्बती संसद और कशाग यानी सरकार के चुनाव के लिए 1 सितंबर से वोटर रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया जाएगा. ये अभियान दुनियाभर के उन देशों में चलया जाएगा जहां तिब्बती रहते हैं. ये सारी कवायद अगले साल होने वाले चुनाव के लिए हो रही है.
मई 2021 में मौजूदा निर्वासित तिब्बती सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है. निर्वासित तिब्बती संसद में 45 सांसदों का चुनाव होता है. इनमें 40 सांसद भारत सहित नेपाल व भूटान से, जबकि यूएसए से 2, यूरोप और साउथ अफ्रीका से 2 और ऑस्ट्रेलिया से 1 सांसद का चुनाव होता है. इन्हें दुनियाभर में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोग चुनते हैं. इसके लिए 1 सितंबर से मतदाता पंजीकरण कार्यक्रम शुरू होगा जो अक्टूबर तक चलेगा.
2016 में 60 हजार मतदाताओं ने अपने मत का किया प्रयोग
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के चीफ इलेक्शन कमिश्नर वांगदु शेरिंग ने कहा की दुनिया के करीब 40 देशों में डेढ़ लाख तिब्बती समुदाय के लोग रहते हैं. 2016 के चुनाव में करीब 90 हजार तिब्बतियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था और करीब 60 हजार तिब्बतियों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
मतदाता के पास ग्रीन बुक होना जरूरी
इस चुनाव में हर तिब्बती वोट नहीं डाल सकता. निर्वासित तिब्बती संसद के चुनाव में भाग लेने के लिए ग्रीन बुक होना जरूरी है जो केंद्रीय तिब्बती सरकार द्वारा दिया जाना वाला एक तरह का पहचान पत्र है. ग्रीन बुक होल्डर इस निर्वासित तिब्बती सरकार को डोनेशन भी देते हैं और 6 साल होने पर तिब्बती इस ग्रीन बुक में नाम दर्ज करवा सकते हैं, लेकिन मतदान का अधिकार 18 साल की उम्र होने पर पंजीकरण के बाद ही मिलता है.
अभियान के लिए पोस्टर से लेकर एनिमेशन फिल्में तैयार
इस बार अभियान के लिए पोस्टर से लेकर एनिमेशन फिल्में तैयार हैं, लेकिन पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना संकट से जूझ रही है और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मतदाता पंजीकरण अभियान भी इससे अछूता नहीं है. इसलिए वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए जागरूकता से लेकर प्रचार तक सबके लिए सोशल मीडिया ही एक सहारा है.