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तिब्बत के 11वें पंचेन लामा की जानकारी साझा करे चीन: अमेरिकी विदेश विभाग

तिब्बत के 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा (Gedhun Choekyi Nyima) की 33वीं जयंती के अवसर पर उन्हें रिहा करने की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है. वहीं, अब अमेरिकी विदेश विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चीन से लापता पंचेन लामा के ठिकाने और सकुशल होने की मांग की है.

11th Panchen Lama of Tibet
तिब्बत के 11वें पंचेन लामा

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Published : Apr 26, 2022, 6:06 PM IST

कांगड़ा:तिब्बत के 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा की 33वीं जयंती के अवसर पर (11th Panchen Lama of Tibet) अमेरिकी विदेश विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर (US State Department) चीन से लापता पंचेन लामा के ठिकाने और सकुशल होने की मांग की है. बता दें कि चीन द्वारा तिब्बत के 11वें पंचेन लामा को मात्र छह साल की उम्र में ही गिरफ्तार कर लिया गया था. तब से आज तक तिब्बत के 11वें पंचेन लामा का कोई पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार पंचेन लामा कहां हैं, लेकिन अब अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ शब्दों में चीन को कह दिया है कि पंचेन लामा को ढूंढ कर उनके सकुशल होने की जानकारी दी जाए.


स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा का 33वां जन्मदिन है. जो 17 मई, 1995 को पीआरसी अधिकारियों द्वारा छह साल के बच्चे के रूप में उनका अपहरण किए जाने के बाद से लापता हैं. उन्होंने कहा कि दलाईलामा-नामित पंचेन लामा, तिब्बती बौद्ध धर्म में दूसरे सबसे सम्मानित व्यक्ति हैं. पंचेन लामा के गुम होने के बाद चीनी सरकार ने उनके गायब होने के पीछे की सच्चाई को छुपाना जारी रखा है और इसके अलावा, 11वें पंचेन लामा और उनके परिवार के ठिकाने से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी तक पहुंच से इनकार किया है.


पंचेन लामा के जबरन गायब होने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि चीन गेधुन चोएक्यी न्यिमा को पीआरसी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के (Gedhun Choekyi Nyima) अनुसार अपने मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का पूरी तरह से प्रयोग करने का पूरा अधिकार देता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बतियों की धार्मिक स्वतंत्रता और उनकी अनूठी धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का समर्थन करता है. जिसमें तिब्बतियों को अपने स्वयं के नेताओं, जैसे दलाईलामा और पंचेन लामा को उनकी अपनी मान्यताओं के अनुसार चुनने, शिक्षित करने और उनकी पूजा करने का अधिकार शामिल है.

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