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धर्मशाला-मैक्लोडगंज में रोपवे से बढ़ी पर्यटन उद्योग की उम्मीद, मात्र पांच मिनट में हो रहा सफर

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Published : Mar 17, 2022, 5:25 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 10:57 PM IST

हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी धर्मशाला से (Tourist City Dharamshala) दलाईलामा की नगरी मैक्लोडगंज का नौ किलोमीटर का सफर अब पांच मिनट में हो रहा है. ऐसे में सैलानियों को लंबे जाम से (Dharamsala McLeodganj Ropeway) भी छुटकारा मिला है. रोपवे में हर घंटे 1000 व्यक्तियों को ले जाने की क्षमता है. इस रोपवे का निर्माण इटली की कंपनी ने किया है. रोपवे पर 18 ट्रॉलियां लगाई गई हैं, जिनमें हर एक में आठ लोग बैठ सकते हैं.

Dharamsala McLeodganj Ropeway
धर्मशाला-मैक्लोडगंज में रोपवे

कांगड़ा: धर्मशाला से मैकलोडगंज के लिए बनाए गए रोपवे से इस बार पर्यटन उद्योग में बढ़ोतरी की उम्मीद बढ़ गई है. धर्मशाला रोपवे की निदेशक निधि पंडित ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी के इस मौसम में पर्यटक रोपवे का खुलकर आनंद ले रहे हैं. साथ ही धर्मशाला से मैक्लोडगंज के बीच ट्रैफिक जाम से भी पर्यटकों को निजात मिली है. उन्होंने कहा कि रोपवे का दो खूबसूरत जगहों पर पर्यटकों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस खंडोले की मदद से पर्यटक आसानी से एक से दूसरी जगह पर जा रहें हैं.

उन्होंने कहा कि अभी तक पर्यटकों को धर्मशाला से मैक्लोडगंज जाने (Dharamsala McLeodganj Ropeway) के लिए गाड़ी का ही प्रयोग करना पड़ता था. साथ ही उन्हें घण्टों भीड़- भाड़ की वजह से बीच रास्ते में जाम में फंसना पड़ जाता था. लेकिन रोपवे से वाहनों के जाम से भी पर्यटकों को राहत मिल रही है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में इस रोपवे मार्ग का उद्घाटन किया था. जहां अब केवल 5 से 10 मिनट इस खंडोले की मदद से धर्मशाला से मैक्लोडगंज तक आराम से पहुंच सकते हैं, साथ ही शहर के सुंदर हवाई दृश्यों का भी आनंद ले सकते हैं.

धर्मशाला-मैक्लोडगंज में रोपवे.

आपको बता दें कि, रोपवे में हर घंटे 1000 व्यक्तियों को ले जाने की क्षमता है. इस रोपवे का निर्माण इटली की कंपनी ने किया है. रोपवे पर 18 ट्रॉलियां लगाई गई हैं, जिनमें हर एक में आठ लोग बैठ सकते हैं. लगभग 1751 मीटर लंबे इस रोपवे को 10 टावर पर बनाया गया है. एक घंटे में इसमें कुल 800 लोग हवाई सफर का आनंद ले सकते हैं. रोपवे के दोनों टर्मिनल पर पार्किंग और खाने-पीने के लिए कैफेटेरिया बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बिना गियर का देश में यह पहला अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लेस सबसे सुरक्षित रोपवे है.


धर्मशाला की पहचान (Tourist City Dharamshala) सबसे पहले तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के शरणस्थल के रूप में हुई थी. यहां काफी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते थे. भागसू नाग, धर्मकोट, नड्डी और डल लेक के अलावा काफी संख्या में टूरिस्ट त्रियुंड में ट्रैकिंग पर जाना काफी पंसद करते हैं. धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड बनने के बाद यहां की ख्याती और भी बढ़ी है. वहीं, रोपवे बन जाने से यहां टूरिज्म के नए युग की शुरुआत भी हुई है. इस रोपवे का एक टर्मिनल धर्मशाला में बस स्टैंड के पास बनाया गया है जबकि दूसरा टर्मिनल दलाई लामा बौद्ध मठ के पास बनाया गया है.

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Last Updated : Mar 17, 2022, 10:57 PM IST

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