धर्मशाला:निर्वासन में तिब्बती महिला संघ (Tibetan Women Association) द्वारा धर्मशाल के मैकलोडगंज में आज अपना 38वां पुनर्स्थापन दिवस मनाया गया. तिब्बती महिला संघ द्वारा पुनरुद्धार के लिए हर साल 10 सितंबर को शुभ दिन के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर तिब्बती महिला संघ की उपाध्यक्ष सरिंग डोलमा ने कहा कि चीन ने तिब्बत में हालातों को ओर खराब कर दिया है. निर्दोष तिबतियों को गिरफ्तार कर उन पर जुल्म किये जा रहे हैं. सरिंग डोलमा ने कहा हमारे संघर्ष का इतिहास बताता है कि 12 मार्च 1959 को लेडी कुनसांग के नेतृत्व में तिब्बत के सभी प्रांतों की साहसी और निडर स्वैच्छिक महिलाएं क्रूर और अवैध चीनी आक्रमण के विरोध में ल्हासा में एकत्रित हुईं थी.
सरिंग डोलमा ने कहा 1959 में भारत में तिब्बती शरणार्थियों की आमद के साथ, कलिम्पोंग में साहसी तिब्बती महिलाओं के एक समूह ने हमारे संघर्ष को जारी रखने के लिए निर्वासित समुदाय में तिब्बती महिला विद्रोह के बारे में एक लंबी चर्चा की. सरिंग डोलमा ने कहा हमारा संघर्ष पीढ़ी दर पीढ़ी चलेगा क्योंकि यह तिब्बत और तिब्बतियों के बारे में सच्चाई की लड़ाई है. वर्तमान पीढ़ी को यह नहीं सोचना चाहिए कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ किया है और अब हमारी भूमिका समाप्त हो गई है, यह संघर्ष तब तक जारी रहना चाहिए जब तक हम अपने देश तिब्बत को पुनः प्राप्त नहीं कर लेते.