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हिमाचल में तिब्बती समुदाय मना रहा लोसर उत्सव, पेनपा त्सेरिंग ने दी शुभकामनाएं

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Published : Mar 2, 2022, 8:42 PM IST

तिब्बती समुदाय के लोग लोसर उत्सव को बहुत धूमधाम से मना रहे हैं. लोसर उत्सव को बौद्ध धर्म के लोग नव वर्ष के रूप में मनाते हैं. हिमाचल के धर्मशाला में तिब्बती समुदाय के लोग बौद्ध मंदिरों में सुबह विशेष पूजा-अर्चना (Tibetan community in Himachal) कर उत्सव को मना रहे हैं. वहीं, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने तिब्बती नववर्ष के आनंदमय अवसर पर तिब्बतियों को बधाई दी है.

Tibetan community celebrating Losar festival.
राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने तिब्बतियों को दी लोसर की शुभकामनाएं.

धर्मशाला: प्रदेश में मंगलवार, 1 मार्च से तिब्बती समुदाय के लोग लोसर उत्सव को बहुत धूमधाम (Tibetan community in Himachal ) से मना रहे हैं. केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने तिब्बती नववर्ष के आनंदमय अवसर पर तिब्बतियों को बधाई देते हुए कहा कि दुनिया में तिब्बती नववर्ष धूमधाम से मनाया जाएगा उन्होंने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की ओर से तिब्बत और पूरे तिब्बत में सभी तिब्बती भाइयों और बहनों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं भी दी है.

उन्होंने कहा 27 मई 2021 को पदभार ग्रहण करने के बाद से तिब्बती राष्ट्रपति के रूप में मुझे जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा कि, 'मैं सामूहिक लक्ष्य को हल करने में तिब्बती लोगों के सामूहिक प्रयास और सहयोग की अपेक्षा करता हूं और इसी तरह, प्रशासन अपनी गतिविधियों में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और दक्षता का बनाए रखें.'

उन्होंने कहा कि 'दुनिया के सबसे सफल शरणार्थी समुदाय के रूप में, हम अपनी सफलता की कहानी मुख्य रूप से दलाई लामा के बलिदान, मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए और दूसरे तिब्बत के अंदर तिब्बतियों द्वारा उत्पीड़न का सामना करने के लिए किए जा रहे बलिदानों के लिए हैं.' उन्होंने कहा कि हम तिब्बतियों की पुरानी पीढ़ी के प्रति भी आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी आजीवन कड़ी मेहनत और योगदान ने अंतरराष्ट्रीय पहचान और स्वीकृति प्राप्त करने में विकास का मार्ग निर्धारित किया है, जिसका हम आज आनंद ले रहे हैं. उन्होंने सभी तिब्बतियों को आश्वस्त करवाते हुए कहा कि दलाई लामा बिल्कुल स्वस्थ हैं.

बता दें कि लोसर उत्सव में पूजा-अर्चना के दौरान बौद्ध धर्म के अनुयायी अपने ईष्टदेव से बुरी आत्माओं को घरों से दूर करने और देवता के अपने घर में निवास की कामना करते हैं. वहीं, घर में बनाई गई मदिरा का भोग ईष्टदेव को लगाया जाता है. बता दें कि लोसर उत्सव में बौद्ध धर्म (Tibetan community celebrating Losar festival ) को मानने वाले लोग शांति और खुशहाली की कामना करते हैं.

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