धर्मशाला: अतिरिक्त उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि जिला स्तर पर 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान को मिशन मोड में चलाया गया है. उन्होंने लिंगानुपात में सुधार लाने और 0 से 6 वर्ष तक की शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी रही है. उक्त बातें डीआरडीए सभागार में विभिन्न योजनाओं के संचालन के लिए बनाई गई टास्क फोर्स की बैठक में एडीसी राहुल कुमार ने कही है.
भेदभाव की मानसिकता बदलना जरूरी
एडीसी ने कहा कि बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जिला स्तर में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों को लेकर भी जागरुकता पर बल दिया गया है.
जिले में जिजीविषा कार्यक्रम शुरू
जिला प्रशासन ने 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' अभियान के तहत जिजीविषा कार्यक्रम आरंभ किया है. अभियान के तहत मेधावी बेटियों को जिला प्रशासन की ओर से आईआईटी, जेईई और नीट प्रतियोगी परीक्षाओं के दो वर्ष की निशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी. इस के लिए 26 मेधावी छात्राओं का चयन किया गया है. यह सभी छात्राएं सरकारी शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित हैं. जिसमें जमा एक की मेडिकल संकाय से 13 तथा नॉन मेडिकल संकाय 13 छात्राओं को सिलेक्ट किया गया है.
महिलाओं को सरकार की ओर से मिल रही सहायता
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अतंर्गत जिले में अच्छा कार्य किया जा रहा है. योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली माताओं को पहले बच्चे के जन्म पर 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि कुपोषणता, महिलाओं की सुरक्षा एवं बच्चों के सम्पूर्ण विकास पर हम सभी मिलकर काम करें तथा पोषण माह के अन्तर्गत पंचायत स्तर पर 'पोषण पंचायत', 'किचन गार्डन' जैसी गतिविधियों को अपनाकर समाज के उत्थान में सभी विभाग मिलकर अपना-अपना सहयोग सुनिश्चित करें.