कांगड़ा:हिमाचल सरकार के अधीन चल रहे विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर (Shaktipeeth Shri Jwalamukhi Mandir) में बेहतर संचालन करके मंदिर कोष कि आय में बढ़ोतरी का जिम्मा जिन अधिकारियों के कंधों पर सरकार ने दे रखा है, उन अधिकारियों के कुप्रबंधन कि बदौलत ज्वालामुखी मंदिर ने मिनी सचिवालय के साथ बनी मल्टी स्टोरी पार्किंग का 76 लाख में जिस फर्म को ठेका आबंटित किया है उस फर्म को 63 दिन बाद भी कब्जा नहीं दिया गया है. जबकि फर्म के मालिक से 26 लाख रुपऐ सिक्योरिटी के साथ समस्त औपचारिकताएं भी पूरी तय समय में कर रखी हैं.
इस पूरे घटनाक्रम से अब तक करीब 6 लाख से ज्यादा और जब तक फर्म को कब्जा नहीं दिया जाता तब तक और ज्यादा घाटा मंदिर कोष को होने की आंशका बनी हुई है. जिसका जिम्मेदार कौन है और जो इस घाटे के जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई कौन करेगा. अब यह सवाल उठना शुरु हो गया है.
इस लापरवाही से मंदिर कि आय को बहुत बढ़ा झटका (Jwalamukhi Mandir fund in loss) लगा है. जानकारी के मुताबिक मंदिर न्यास ने इंडोर मल्टी स्टोरी पार्किंग को 21 दिंसबर को सबसे उंची दर देने वाली फर्म रजत ठाकुर सरकारी ठेकेदार को 76 लाख में आंबटन कर दिया. पुख्ता सूत्र बताते हैं कि फर्म के मालिक ने ठेका मिलने के बाद करीब 25 लाख रुपए की एफडी व अन्य समस्त औपचारिकताएं समय पर पूरी कर दी हैं. लेकिन बाबजूद इसके मंदिर प्रशासन ने उन्हें आज दिन तक कब्जा नहीं दिया है.
हालांकि मंदिर प्रशासन (Shaktipeeth Shri Jwalamukhi Mandir) यह दावा कर रहा है कि बिजली, पानी व अन्य जो भी समस्याएं हैं उनका निराकरण करके शीघ्र मल्टी स्टोरी पार्किंग का कब्जा फर्म को दे दिया जाएगा. लेकिन सवाल उठ रहें है कि आंवटन से पहले मंदिर प्रंबधन ने क्यों इन कमियों को पूरा नहीं किया. अब लाखों रुपए का घाटा मंदिर कोष में हुआ है इसकी जिम्मेदारी किसकी है.