कांगड़ा:हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने पत्रकार वार्ता के दौरान नई स्कूल शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी. साथ ही 3 साल के उनके कार्यकाल के दौरान स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्राप्त उपलब्धियों के बारे (Achievements of HPBOSE) में बताया. उन्होंने कहा की वार्षिक परीक्षा 2019 के प्रारंभ होने से पूर्व उप निदेशकों, उच्च शिक्षा उप निदेशकों, प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशकों एवं जिला स्तर पर विद्यालयों के प्रधान/प्राचार्यों के साथ सफल एवं सुचारू संचालन के लिए विभिन्न बैठकें आयोजित की गई. प्रदेश भर में फैले कोरोना वायरस के दौरान बोर्ड द्वारा सुचारू रूप से किए गए कार्य की जानकारी उनके द्वारा दी गई.
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के द्वारा किए गए शैक्षणिक सुधार की बात भी कही. उन्होंने कहा कि (new education policy in himachal) प्रदेश के स्कूलों में त्रिभाषी (हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी) न्यूजलेटर का प्रकाशन शुरू किया गया है. छात्रों में व्यक्तिगत और नागरिक गुणों को विकसित करने और उन्हें संस्कृति के धन को महत्व देने के लिए नैतिक शिक्षा और स्वतंत्रता संग्राम जैसे विषयों की पाठ्यक्रम सामग्री पर पुनर्विचार किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा है की प्रारंभिक स्तर पर संस्कृत को लोकप्रिय बनाने और उसका परिचय कराने के लिए अध्ययन की तैयारी की गई है.
डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि गणित की बुनियादी अवधारणा की स्पष्टता के लिए और छात्रों को परिचित बनाने के लिए वैदिक गणित को नौकरी की भूमिका के गणित पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए विकसित किया गया है. साथ ही व्यावसायिक शिक्षा के लिए 15 क्षेत्रों को कौशल की आवश्यकता और विभिन्न व्यवसायों की वर्तमान मांग की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि भारत की पहली महिला शिक्षक के नाम पर सावित्री बाई फुले परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें महिला शिक्षकों को कंट्रोलिंग स्टाफ के रूप में नियुक्त किया जाता है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा है की मुख्यमंत्री हरित विद्यालय अभियान 2019 के दौरान 'मेरा विद्यालय मेरी वाटिका अभियान' की शुरआत की गई. प्रदेश भर (Mera Vidyalaya Meri Vatika Abhiyan) के सरकारी और संबद्ध स्कूलों में 630 पौधे लगाए गए हैं.