धर्मशाला: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 ( Himachal Assembly Elections 2022) में अभी भले ही वक्त है, लेकिन सूबे में दल-गत राजनीति काफी गति पकड़ चुकी है. बुधवार को कांगड़ा के कांग्रेस विधायक पवन काजल ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम (pawan kajal joins bjp) कर कांग्रेस पार्टी को जोर का झटका दिया है. पार्टी में शामिल होने के साथ ही पवन काजल (Kangra Congress MLA Pawan Kajal) ने जेपी नड्डा से लेकर पीएम मोदी और जयराम ठाकुर की तारीफ की और कहा कि जेपी नड्डा हिमाचल जैसे छोटे राज्य से हैं और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया हैं. उन्होंने कहा कि जनता चाहती है कि हिमाचल में बीजेपी की सरकार बने.
पवन काजल का जन्म 6 मई 1974 को गांव सोहड़ा में हुआ. पेशे से बिल्डर रहे पवन काजल ने 12वीं तक की पढ़ाई की है और परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं. ठेकेदार रहते हुए धर्मशाला में तपोवन स्थित विधानसभा परिसर भी पवन काजल ने ही बनाया है. भाजपा के सिपहसालार के तौर पर वे दो बार कांगड़ा में जिला परिषद के सदस्य भी बने, लेकिन जब वर्ष 2012 में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे और जीते निर्दलीय जीत हासिल करने के बाद पवन काजल शिमला पहुंचने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिले.
पवन काजल के लिए चुनावी मैदान में प्रचार के लिए उतरते थे वीरभद्र सिंह: वीरभद्र सिंह से मिलने के बाद पवन काजल और वीरभद्र सिंह के बीच नजदीकियां बढ़ी और वह कांग्रेस के एसोसिएट सदस्य बने. बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के पवन काजल ने अपना सियासी सफर भाजपा से जुड़कर शुरू किया था, लेकिन पवन काजल ने भाजपा छोड़ कर और कांग्रेस का दामन थाम लिया.
इसी वजह से वर्ष 2017 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र (Kangra Assembly Constituency) के मैदान से पवन काजल को उतारा और वे लगातार दूसरी बार विधायक बने. पवन काजल हमेशा से ही वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में हिमाचल की चार सीटों में से केवल कांगड़ा सीट के प्रत्याशी पवन काजल ही वीरभद्र की पंसद थे. बाकी तीन सीटों पर कांग्रेस ने वीरभद्र की पसंद के प्रत्याशियों को टिकट नहीं दी थी. वीरभद्र सिंह पवन काजल के लिए जोरो शोरों से प्रचार में उतरते थे.