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पंचायतों में कक्ष और 9 हजार रुपये प्रत्येक लोकमित्र केंद्र संचालकों को मुहैया करवाये जाएं: राजेंद्र कौशल

कांगड़ा में चार हजार के करीब लोकमित्र केंद्रों के संचालकों ने अब अपनी मांगों को लेकर सरकार प्रशासन की चौखटों के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं. लोकमित्र केंद्र एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कौशल ने कहा कि कोरोनाकाल में धड़ल्ले से बिना वेरिफिकेशन के एक से ज्यादा एक-एक पंचायत के लिए सीएससीआई नंबर आबंटित कर दिए. जिससे पहले से ही मार्केट में काम कर रहे सेंटर संचालकों के लिए दिक्कत बन गए हैं. उन्हें पहले तो वेरिफाई किया जाए फिर उन्हें एक पंचायत में एक सेंटर से दूसरे सेंटर के बीच कम से कम पांच किलोमीटर की दूरी पर काम करने दिया जाए.

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Published : May 18, 2022, 6:17 PM IST

operators of Lokmitra centers
राजेंद्र कौशल, अध्यक्ष, लोकमित्र केंद्र एसोसिएशन

धर्मशाला:कांगड़ा में चार हजार के करीब लोकमित्र केंद्रों के संचालकों ने अब अपनी मांगों को लेकर सरकार प्रशासन की चौखटों के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं. बुधवार को लोकमित्र केंद्र एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेंद्र कौशल की अगुवाई में सैकड़ों लोकमित्र केंद्र संचालकों ने जिलाधीश कार्यालय धर्मशाला पहुंचकर डीसी कांगड़ा डॉक्टर निपुण जिंदल को ज्ञापन सौंपा. जिसमें उनकी ओर से अपनी पांच प्रमुख मांगों का जिक्र किया गया था.

लोकमित्र केंद्र एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कौशल ने कहा कि कोरोनाकाल में धड़ल्ले से बिना वेरिफिकेशन के एक से ज्यादा एक-एक पंचायत के लिए सीएससीआई नंबर आबंटित कर दिए. जिससे पहले से ही मार्केट में काम कर रहे सेंटर संचालकों के लिए दिक्कत बन गए हैं. उन्हें पहले तो वेरिफाई किया जाए फिर उन्हें एक पंचायत में एक सेंटर से दूसरे सेंटर के बीच कम से कम पांच किलोमीटर की दूरी पर काम करने दिया जाए.

दूसरा महंगाई के इस दौर को मद्देनजर रखते हुये रेट लिस्ट तय की जाए. जिससे कि हम भी अपना खर्च निकाल सकें, तीसरा अनाधिकृत सीएससी आईडी को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए और साल 2008 से अब तक चली आ रही कमीशन में बढ़ोतरी की जाए और भारत सरकार द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन के तहत पंचायतों में कक्ष और 9 हजार रुपये प्रत्येक लोकमित्र केंद्र संचालकों को मुहैया करवाये जाएं, ताकि हम लोग आसानी से लोगों को ये सुविधाएं दे सकें. राजेंद्र ने कहा कि अगर सरकार प्रशासन ने उनकी मांगें न मानी तो उन्हें सड़क पर उतरने के सिवाय कोई दूसरा चारा नहीं बचेगा.

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बता दें कि भारत सरकार की एक योजना के तहत इस वक्त देशभर के तमाम राज्यों में पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं को सुचारू रूप से जन जन तक आसानी से मुहैया करवाने के लिए लोकमित्र केंद्रों का प्रावधान किया गया है, जिसके लिये बाकायदा हाल ही में भारत सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन भी तमाम राज्यों की सरकारों को जारी की गई थी. जिसके जरिए लोकमित्र केंद्रों के संचालकों को पंद्रहवे वित्त आयोग के खजाने से 9 हजार रुपये प्रति लोकमित्र केंद्र मुहैया करवाने के साथ-साथ पंचायतों को इन संचालकों के लिए अपने भवन में अतिरिक्त कक्ष देने की भी बात कही गई थी.

बावजूद इसके इस दिशा में कोई नया कदम उठाना तो दूर की बात बल्कि अब इन लोकमित्र केंद्रों के संचालकों को राज्य सरकार द्वारा हायर की गई सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर एजेंसी अपने इशारों पर चलाना चाह रही है. जिसके तहत न तो इन्हें मार्केट में लोकमित्र केंद्र को चलाने के लिये कोई किराया दिया जा रहा है न बिजली पानी और इंटरनेट की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है, इतना ही नहीं लोगों को प्रमाण पत्रों संबंधी जो सुविधाएं राजस्व विभाग के कार्यालयों में जाकर लेनी पड़ती थी वो सुविधाएं अब ये सेंटर आसानी से दिला रहे हैं, मगर इसकी एवज में मिलने वाली कमीशन भी बढ़ती महंगाई में ये लोग ऊंट के मुंह में जीरे के सामान बता रहे हैं.

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