धर्मशाला: विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग बांध से दूसरे दिन भी राहत की खबर आई है. शनिवार को भी वन्य प्राणी विंग की ओर से गठित रैपिड रिस्पांस टीमों को सर्च अभियान में कोई भी विदेशी परिंदा मृत नहीं मिला है. बर्ड फ्लू से अब तक बांध क्षेत्र में करीब 5 हजार विदेशी परिंदों की मौत हो चुकी है. जिसमें 36 प्रजातियों के परिंदे शामिल हैं.
सबसे ज्यादा असर हैडिडगीज प्रजाति के परिंदों पर पड़ा है, क्योंकि विभागीय अधिकारियों के मुताबिक मरने वाले विदेशी परिंदों में 90 फीसद संख्या बार हैडिडगीज प्रजाति के परिंदों की है.
बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन
पौंग बांध क्षेत्र में 28 दिसंबर को विदेशी परिंदों के अचानक मरने की सूचना वन्य प्राणी विंग को मिली थी. जिसके बाद विभाग ने 31 दिसंबर को पौंग बांध में हर तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही भोपाल से परिंदों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद यहां 10 रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया. नगरोटा सूरियां में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, ताकि यहां की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय की टीमों ने किया था भ्रमण
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून के विशेषज्ञों व दिल्ली से पशुपालन मंत्रालय की टीमों ने भी पौंग क्षेत्र का भ्रमण कर जानकारी एकत्र की थी. करीब 39 दिनों तक पौंग बांध क्षेत्र में विदेशी परिंदों के मृत मिलने का सिलसिला जारी रहा. वहीं, पीसीसीएफ वन्य प्राणी विंग अर्चना शर्मा का कहना है शुक्रवार व शनिवार को कोई भी विदेशी परिंदा मृत नहीं मिला है, जो कि राहत की खबर है. उन्होंने कहा कि बांध क्षेत्र में सर्च अभियान जारी रहेगा.
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