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फ्लावर ग्रोवर एसोसिएशन की स्वर्णिम वर्ष के अवसर पर बैठक, बागवानों ने लिया भाग - कांगड़ा न्यूज

धर्मशाला में उद्यान विभाग व कांगड़ा फ्लावर ग्रोवर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में जिला के लगभग 30 पुष्प उत्पादक व पुष्प पौधशाला स्वामित्व बागवानों ने भाग लिया.

Kangra Flower Growers Association Meeting on occasion of Golden year
फ्लावर ग्रोवर एसोसिएशन की स्वर्णिम वर्ष के अवसर पर बैठक

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Published : Feb 16, 2021, 12:59 PM IST

धर्मशाला :पूर्ण राज्यत्व के स्वर्णिम वर्ष के उपलक्ष्य पर सोमवार को गगल में उद्यान विभाग व कांगड़ा फ्लावर ग्रोवर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में जिला के लगभग 30 पुष्प उत्पादक व पुष्प पौधशाला स्वामित्व बागवानों ने भाग लिया. कांगड़ा फ्लावर ग्रोवर एसोसिएशन जिला कांगड़ा की पहली पंजीकृत सोसाइटी है.

22 से 25 करोड़ का सालाना योगदान

50 साल पहले यहां कांगड़ा घाटी में फूलों की व्यवसायिक खेती बहुत कम थी. वहीं, वर्तमान में इसका आकार बढ़ गया है. इसमें लगभग 400 बागवान इस कार्य से जुड़कर अपना स्वरोजगार कर रहे है. वहीं, पुष्प उत्पादन व नर्सरी से प्रदेश के जीडीपी में इस घटक से लगभग 22 से 25 करोड़ का सालाना योगदान हो रहा है.

बेरोजगारों को स्वरोजगार

व्यवसायिक पुष्प उत्पादन युवाओं व बेरोजगारों को स्वरोजगार अवसर प्रदान करता है. वहीं, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी इसमें रोजगार प्राप्त हो रहा है. उद्यान विभाग जिला कांगड़ा के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया है. केन्द्र की बागवानी मिशन परियोजना व हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री पुष्प क्रांति योजना के तहत

30 लाख रुपये का आर्थिक अनुदान

बागवानों/इच्छुक लाभार्थियों को हरित गृह निर्माण में 85 प्रतिशत अनुदान व हरित गृह में कर्तित फूलों की खेती के लिए 200-350 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से अनुदान दिया जा रहा है, जिसके तहत एक सामान्य लाभार्थी को 5 लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये का आर्थिक अनुदान अपने उद्यम के लिए मिल सकता है.

क्षेत्रवासी परियोजनाओं का उठा रहें लाभ

इस दौरान उपनिदेशक उद्यान डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि वर्तमान में 120 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की व्यवसायिक खेती हो रही है व समस्त कांगड़ावासी विभाग की परियोजनाओं का लाभ ले सकते है.

युवाओं को इस तकनीक का लाभ

जानकारी देते हुए विषय विशेषज्ञ डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि पुष्प उत्पादन कार्य में आर्थिक लाभ ज्यादा होता है. दो तीन कनाल भूमि से भी सालाना तीन या चार लाख की आमदनी भी की जा सकती है. इसके अलावा युवा इस तकनीक की जानकारी हासिल करें व इस रोजगार को अपनाएं उन्हें जरूर लाभ होगा.

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