कांगड़ा: भारतीय संसदीय स्थायी समिति का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के आधिकारिक दौरे पर है. बुधवार को प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्यों ने मंत्रालय और सचिवालय के अधिकारियों के साथ निर्वासित तिब्बती संसद का (Tibetan Parliamentary Secretariat Dharamshala) दौरा किया. तिब्बती संसदीय सचिवालय पहुंचने पर तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर व अन्य सदस्यों ने भारतीय संसद के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जे के बाद से पिछले 6 दशकों से अधिक समय से निर्वासित तिब्बतियों को समर्थन और सहायता प्रदान करने के लिए भारत और उसके लोगों का आभार व्यक्त किया. तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के नेतृत्व में तिब्बती लोकतांत्रिक राजनीति के विकास की बात करते हुए तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने तिब्बती संसद सदस्यों की संरचना और चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी बताया और उन्हें तिब्बती संसद की स्थायी समिति के गठन और कामकाज के बारे में जानकारी दी.
तिब्बतन पार्लियामेंट के स्पीकर ने बताया कि तिब्बती संसद एक द्विसदनीय प्रणाली है. जिसमें कोई भी राजनीतिक दल एक वर्ष में दो सत्र आयोजित नहीं करता है. जहां संसद में चर्चा किए गए मुद्दे के आधार पर संसद सदस्य व्यक्तिगत रूप से खड़े होते हैं. इसी तरह, उन्होंने भारतीय सांसदों से तिब्बत के अंदर मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ खड़े होने का आग्रह करते हुए बताया कि कैसे केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बत के मुद्दे को हल करने का प्रयास करता है और तिब्बत के अंदर रहने वाले तिब्बतियों की वकालत करता है.