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हत्या मामले में दोषी होटल मालिक को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा

हत्या के आरोप सिद्ध होने पर एक होटल मालिक को कोर्ट ने उम्र कैद व 35 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना न अदा करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारवास होगा. यह सजा अतिरिक्त जिला न्यायधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत ने सुनाई है.

Hotel owner sentenced to life imprisonment in Dharamshala court for murder
धर्मशाला न्यायालय

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Published : Sep 2, 2020, 1:55 PM IST

धर्मशालाः जिला में हत्या के आरोप सिद्ध होने पर एक होटल मालिक को कोर्ट ने उम्र कैद व 35 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. मामला कमीशन पर होटल के लिए कमरे बुक करने वाले एजेंट की डंडों से पीट-पीटकर हत्या करने का है. होटल मालिक को हत्या के बाद सड़क किनारे शव फेंकने और उसके बाद घटनास्थल से सबूत मिटाने का दोषी पाया गया.

होटल मालिक पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने आजीवन कारवास व 30 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माना न अदा करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारवास होगा. यह सजा अतिरिक्त जिला न्यायधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत ने सुनाई है.

जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि मदन लाल निवासी हरिपुर देहरा ने 10 अक्टूबर 2017 को पुलिस थाना ज्वालामुखी में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी. उन्होंने बताया कि मदन लाल का बेटा मोहित (31) साल ज्वालामुखी में कमीशन पर होटल के कमरे बुक करवाता था. नौ अक्टूबर की रात को मोहित शराब के नशे में प्रकाश चंद निवासी डोहग देहरियां थाना ज्वालामुखी के होटल में आया और एक कमरे में सो गया.

मोहित के कपड़े मिट्टी व गोबर से सने थे, इसको देखते हुए प्रकाश चंद ने डंडों से उसकी पिटाई कर दी. पीटने के बाद उसने अधमरी हालत में ही मोहित को सड़क किनारे फेंक दिया. मारपीट और खींचतान के दौरान मोहित की चप्पल व कपड़े होटल के कमरे में ही रह गए थे, जिन्हें प्रकाश ने होटल की छत पर छिपा दिया था. अधमरी हालत में पड़े मोहित को साथ लगते होटल मालिक व दुकानदारों ने उठाकर सिविल अस्पताल ज्वालामुखी पहुंचाया, जहां से उसे टांडा रेफर कर दिया था.

ज्वालामुखी से टांडा ले जाते वक्त मोहित की मौत हो गई था. पुलिस कार्रवाई के बाद न्यायालय में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी उप-जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री व एलएम शर्मा ने की. अतिरिक्त जिला न्यायधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 30 गवाह पेश किए गए. गवाहों के बयानों के आधार पर दोषी प्रकाश चंद को आजीवन कारवास व 35 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना राशि मृतक के पिता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी.

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