धर्मशालाः हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में नाइट कर्फ्यू लगने से एक बार फिर होटल व्यवसाय पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं. अभी कुछ समय पहले ही अनलॉक होने की वजह से होटल व्यवसायियों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब दोबारा नाइट कर्फ्यू लगने से पर्यटकों ने भी हिमाचल की ओर अपना रुख करना बंद कर दिया है.
वहीं, धर्मशाला में गुरुवार को फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा और अन्य एसोसिएशन सदस्यों ने नाइट कर्फ्यू का विरोध करते हुए कहा कि कर्फ्यू कोरोना का हल नहीं है और ना ही कर्फ्यू लगाने से इस संक्रमण को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस संक्रमण को रोकने के लिए जागरूकता व गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है.
अश्वनी बांबा ने कहा कि कर्फ्यू लगने के कारण अब पर्यटकों ने हिमाचल न आने का फैसला किया है, जिसका सीधा असर होटल व्यवसाय पर पड़ा है. लॉकडाउन के समय होटल व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया था. अनलॉक के बाद कुछ पर्यटकों ने हिमाचल की ओर रुख किया था लेकिन प्रदेश सरकार के इस नाइट कर्फ्यू के फैसले से होटल व्यवसाय को फिर घाटा हो सकता है.
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने लिखित में भी एक शिकायत पत्र सरकार को भेजा है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि पर्यटकों को नाइट कर्फ्यू के दौरान बॉर्डर पर परेशान ना किया जाए ताकि वे हिमाचल में प्रवेश कर सकें और होटल व्यवसाय फिर से पटरी पर लौट सके.
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