धर्मशाला: हिमाचल कांग्रेस के कद्दावर नेता जीएस बाली रविवार की शाम मां चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में पंचतत्व में विलीन हो गए. उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की भीड़ भी धाम तक अंतिम दर्शन के लिए साथ पहुंची थी. इससे पहले दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर दर्शन के लिए रखा गया था. बेटे रघु बाली ने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान हिमाचल कांग्रेस के करीब-करीब तमाम वरिष्ठ नेता श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे.
रविवार सुबह करीब 11 बजे उनकी अंतिम यात्रा मजदूर कुटिया से निकली, वहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. कांगड़ा जिले के हितों की आवाज बुलंद करने वाला धाकड़ नेता कांगड़ा ने खो दिया है. पूर्व मंत्री जीएस बाली के निधन से हर चेहरा गमगीन था. बाली भले ही नगरोटा बगवां से चुनाव लड़ते थे, लेकिन उनकी राजनीति मजदूर कुटिया कांगड़ा से ही चलती थी. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों का मजदूर कुटिया में आना-जाना लगा रहता था.
स्थानीय नेता हों या फिर दिल्ली आलाकमान के दिग्गज नेता वे मजदूर कुटिया का रुख जरूर करते थे. समाज में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले जीएस बाली की छवि ऐसी थी कि कांग्रेसी नेताओं से दोस्ती के साथ-साथ वे विपक्ष के साथ भी अच्छे संबंध रखते थे. परिवहन मंत्री रहते उन्होंने किसी की हर एचआरटीसी की बस पर अपना निजी नंबर लिखवाया और लोगों की दुःख तकलीफों में उनका साथ दिया. आज उनके निधन से हर चेहरा उदास था.
नगरोटा विधान सभा क्षेत्र में रविवार को जीएस बाली का पार्थिक शरीर कुछ देर के लिए लोगों के दर्शन के लिए रखा गया, जहां कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर प्रदेश सरकार के वन मंत्री राकेश पठानिया, पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, डलहौजी की एमएलए आशा कुमारी, शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, पूर्व संसद चंद्रेश कुमारी, केसीसी बैंक के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया सहित कांग्रेस के अन्य कई विधायकों, नेताओं व कार्यकर्ताओं सहित कांग्रेस सेवा दल ने उनके निधन पर शोक जताया.