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Published : Dec 11, 2019, 10:15 PM IST

Updated : Dec 11, 2019, 11:21 PM IST

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हिमाचल में दूर होगी डॉक्टरों की कमी, जल्द मिलेंगे 350 नए डॉक्टर

डॉक्टरों के पद भरने के लिए टांडा कॉलेज में बुधवार को साक्षात्कार का आयोजन किया गया. इसके अलावा शुक्रवार को आईजीएमसी शिमला और उसके बाद सोलन में साक्षात्कार आयोजित किए जाएंगे. ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन दी.

health minister vipin singh parmar statement on health facility
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार

धर्मशाला: डॉक्टरों के पद भरने के लिए टांडा कॉलेज में बुधवार को साक्षात्कार का आयोजन किया गया. इसके अलावा शुक्रवार को आईजीएमसी शिमला और उसके बाद सोलन में साक्षात्कार आयोजित किए जाएंगे. ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन दी.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार एर्फोडेवल और हेल्थ क्वालिटी पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को जल्द नए 350 डॉक्टर्स मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो विपक्ष की ओर से दवाइयों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं वो सारे निराधार हैं. राष्ट्रीय स्तर पर रेंडम तौर पर 1157 सैंपल भरे गए हैं थे, जिसमें छह फीसदी सैंपल फेल हुए हैं.

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बता दें कि ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने शीत सत्र के तीसरे दिन नियम-130 के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हुई चर्चा के दौरान दी. सदन में विपक्ष ने रिक्त पदों से लेकर दवाइयों व इंजेक्शनों की गुणवत्ता पर कई सवाल उठाए और सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकार की नीतियों का गुणगान किया.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि फार्मा जगत में हिमाचल एशिया का नंबर एक दवाई उत्पादन का क्षेत्र हैं और हिमाचल की सैंपल फेल होने की दर 1.56 फीसदी हैं, जबकि अन्य राज्यों की ये दर 4.5 फीसदी है. उन्होंने कहा कि जेनेरिक दवाईयों की गुणवत्ता की बात है तो विभिन्न प्रकार की 251 जेनेरिक दवाइयों के सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें 10 सैंपल फेल हुए हैं. इसमें पेरासिटामोल, रेटाडिन व टेलामेनियम जैसी चार दवाईयों की सैंपल फेल हुए थे.

Last Updated : Dec 11, 2019, 11:21 PM IST

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