धर्मशाला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के विचारों का शोध होना जरूरी है. उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा उनके विचारों और आचरण का प्रसार कर रही है, जिससे विवेकानंद के विचारों पर लोग चल रहे हैं. राज्यपाल शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी (वीकेके) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे.
विवेकानंद के विचारों पर होगा शोध:राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में भी स्वामी विवेकानंद के विचारों का आदान-प्रदान होना जरूरी है. उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद के विचारों को ध्यान में रखते हुए योग आसन को एक दूसरे के साथ बैठकर कैसे साझा करेंगे. इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि आने वाले समय में केंद्रीय विश्वविद्यालय में योग क्रियाओं और स्वामी विवेकानंद के विचारों पर शोध किया जाएगा. साथ ही बच्चों के आचरण के बारे में आगे क्या कुछ किया जा सकता इस पर भी विश्वविद्यालय विचार करेगा.