नूरपुर/कांगड़ा: प्रदेश के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने आज नूरपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. इसी बीच उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर प्रशासनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जल्द से जल्द जिलों का गठन करे और नूरपुर को जिला का दर्जा दे.
पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने बताया कि जब 1948 में हिमाचल बनना शूरु हुआ था, तो पहले प्रदेश में चार जिले बने थे और बाद में पांच फिर छह और फिर चार जिलों का निर्माण किया गया था. इसके बाद साल 1972 में 68 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हुआ था.
उन्होंने कहा कि 25 वर्ष बाद यानी 1997-98 में नए जिले बनने चाहिए थे, लेकिन किसी कारण ये प्रक्रिया शुरू नहीं हुई. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नई पंचायतों के गठन के साथ-साथ नूरपुर को जिला बनाया जाए.
डॉ. राजन सुशांत ने बताया कि जिला हमीरपुर की आबादी लगभग चार लाख 55 हजार है और ऊना की आबादी लगभग पांच लाख 21 हजार है, जबकि नूरपुर में इंदौरा, फतेहपुर व जवाली चार विधानसभा क्षेत्र व चार ब्लॉक है और उसकी आबादी लगभग चार लाख 38 हजार है.
ऐसे में जनसंख्या व भौगौलिक दृष्टि से नूरपुर का जिला बनना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का बजट व बहुत सी योजनाएं जिलों के कोटे के हिसाब से आती हैं. चाहे वो मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज या अन्य संस्थान हो, लेकिन इन सभी संस्थानों में कोई भी संस्थान नहीं नूरपुर में नहीं है.
पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने बताया कि नूरपुर क्षेत्र के विकास व उत्थान के लिए जनता की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नूरपुर में जल्द जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोलकर इसे जिला बनाने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना तो आगामी दिनों में निर्णायक संघर्ष करेंगे.
ये भी पढ़ें:मनाली में 3 बार गूंजी अटल की कविताएं, हिमाचली कवियों की मौजूदगी में सुनाई थीं अपनी रचनाएं