शिमला: विश्व भर में अपने अनूठे स्वाद के लिए मशहूर कांगड़ा टी के खाते में एक और खासियत जुड़ने वाली है. कांगड़ा चाय को यूरोपीय संघ यानी ईयू का जीआई टैग मिलने के आसार बढ़े हैं. हाल ही के समय में हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के सहयोग से यूरोपीयन यूनियन का जीआई टैग (GI tag of the European Union) मिलने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.
कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर (Agriculture Minister Virender Kanwar on Kangra Tea) में बताया कि 23 साल पहले चाय की खेती का काम उद्योग विभाग से कृषि विभाग के पास आया था. उसके बाद से कांगड़ा चाय का वर्षों पुराना गौरव लौटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. वर्ष 2005 में कांगड़ा चाय को भारत में जीआई टैग मिला था. कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में चार विभागों- टी बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय पालमपुर, राज्य के सहकारी और कृषि विभाग, सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर और चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Agricultural University Palampur) कांगड़ा चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में चाय उत्पादकों को एक लाख से अधिक पौधे प्रदान किए गए और 5.6 हेक्टेयर नए क्षेत्र में चाय की पौध लगाई गई है. विभाग चाय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को दो रुपये प्रति पौधा तथा अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को एक रुपये प्रति पौधा उनके घर-द्वार पर उपलब्ध करवा रहा है.