धर्मशाला:चीन सरकार ने तिब्बत में स्थित बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के आधिकारिक निवास पोटाला पैलेस को अनिश्तिकाल तक के लिए बंद कर दिया है. चीन का कहना है कि खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पोटाला महल को बंद किया गया है. पोटाला पैलेस बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र रहा है.
चीन के इस फैसले पर निर्वासित तिब्बत सरकार ने अपना विरोध व्यक्त किया है और कहा है कि चीन ने कोरोना वायरस की वजह से पोटाला महल को बंद किया है. वहीं, निर्वासित तिब्बत सरकार के डिप्टी स्पीकर आचार्य यशी फुंचक ने कहा कि चीन को कोई बहाना तो चाहिए. उन्होंने कहा कि वायरस की वजह से बाहर के लोग वहां जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 10 राज्यों के लोग बाहर जाना बंद किया है.
आचार्य यशी फुंचक ने कहा कि पोटाला महल चीन के पास नहीं है बल्कि यूनेस्को हेरिटेज के अंतर्गत है. उन्होंने कहा कि चीन में जो बीमारी फैली है इसका असर विश्व में भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि चीन को हमेशा राजनीतिक बहाना चाहिए होता है. उन्होंने कहा कि राजनीति की वजह से ये किया गया है तो हम इसकी निंदा करते हैं.
वहीं, निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता टीजी आर्य ने कहा कि चीन में जो कोरोना वायरस आया है. तिब्बत में इसके नुकसान का कोई आंकलन नहीं है. उन्होंने कहा कि तिब्बत का नया वर्ष भी आने वाला है. उन्होंने कहा कि यदि कोई खतरा नहीं है तो इसे खोल देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन की सरकार हर साल तिब्बत को नया साल मनाने में आपत्ति व्यक्त करती है. उन्होंने कहा कि चीन सरकार इस वायरस का बहाना बनाकर इसे बंद कर रहे हैं जिसकी हम निंदा करते हैं.
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