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विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी: जेष्ठ मंगलवार को जम्मू कश्मीर से आए श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में नवाया शीश - हिमाचल के शक्तिपीठ

हिमाचल प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में जेष्ठ मंगलवार को काफी तादाद में श्रद्धालु पहुंचे और (Devotees visit Shaktipeeth Jawalamukhi) मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के आगे शीश नवाया. इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर किसी मूर्ति की पूजा नहीं होती है बल्कि पृथ्वी के गर्भ से निकल रही नौ ज्वालाओं की पूजा होती है. जम्मू कश्मीर से आईं पूनम का कहना है कि (Devotees visit Shaktipeeth Jawalamukhi) मां ज्वाला की अखंड ज्योति साक्षात रूप में मां के रूप में विराजमान हैं. उन्होंने बताया कि वह 32 वर्षों से ज्वालामुखी आ रही हैं.

Shaktipeeth Jawalamukhi in kangra
विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी

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Published : Dec 21, 2021, 4:41 PM IST

कांगड़ा: विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में जेष्ठ मंगलवार को मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शनों के लिए मां के दरबार में वाद्य यंत्रों के साथ जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु बड़ी संख्या में नतमस्तक हुए.


पिछले 32 वर्षों से लगातार मां ज्वाला के दरबार में जम्मू कश्मीर से डॉक्टर पूनम अपनी संगत के साथ मां ज्वाला के दर्शनों के लिए पहुंचती हैं. मां ज्वालामुखी के प्रति इनकी अगाध आस्था को देखकर हर कोई दंग है. पूनम का कहना है कि (Devotees visit Shaktipeeth Jawalamukhi) मां ज्वाला की अखंड ज्योति साक्षात रूप में मां के रूप में विराजमान हैं. उन्होंने बताया कि वह 32 वर्षों से ज्वालामुखी आ रही हैं और उन्हें मां के दरबार में आकर बेहद सुकून मिलता है. साथ ही उन्होंने मंदिर प्रशासन और पुजारियों का भी धन्यवाद किया और कहा कि यहां आकर उन्हें हमेशा सुख की अनुभूति प्राप्त होती है.

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वहीं, मंदिर के पुजारी कपिल शर्मा बताते हैं कि जेष्ठ मंगलवार को मां ज्वाला के दर्शनों के लिए भारी संख्या में (Devotees visit Shaktipeeth Jawalamukhi) श्रद्धालु पहुंचे. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर से भी श्रद्धालुओं का जत्था मां के दरबार में शीश नवाने पहुंचा. उन्होंने कहा कि मंदिर अधिकारी दीनानाथ यादव के नेतृत्व में मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर इंतजाम प्रशासन की ओर से किए गए हैं. ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.

गौरतलब है कि ज्वाला मंदिर को जोता वाली मां का मंदिर और नगरकोट भी (jawalamukhi temple kangra) कहा जाता है. यह मंदिर माता के अन्य मंदिरों की तुलना में अनोखा है क्योंकि यहां पर किसी मूर्ति की पूजा नहीं होती है बल्कि पृथ्वी के गर्भ से निकल रही नौ ज्वालाओं की पूजा होती है.

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